अगर ऐसा हुआ तो बेगूसराय में 40 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा टैक्स, आम जनता की टेंशन बढ़ाने की तैयारी में नगर निगम
बेगूसराय नगर निगम में संपत्तिकर में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा गलियों को भी मुख्य सड़क में शामिल करने का प्रस्ताव है। इस परिवर्तन से शहरी क्षेत्र के लोगों पर कर का अतिरिक्त भार बढ़ जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के वार्डों में इस बदलाव को लागू करना नगर निगम प्रशासन के लिए चुनौती होगी। जानिए पूरी खबर।
कुमार मनीष, बेगूसराय। बीते छह दिसंबर को संपन्न नगर निगम स्थाई सशक्त समिति की बैठक में 15 प्रतिशत कर बढोतरी को मंजूरी दी जा चुकी है वहीं गलियों को भी मुख्य सड़क में शामिल करने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लग चुकी है।
उक्त प्रस्ताव को आम बोर्ड की स्वीकृति मिलते ही शहरी क्षेत्र में लोगों पर कर का अतिरिक्त भार बढ़ जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के वार्डों में उक्त परिवर्तन को अमलीजामा पहनाना नगर निगम प्रशासन के लिए चुनौती होगा। अभी तक ग्रामीण क्षेत्र के घरों का कर निर्धारण नहीं हुआ है।
राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में नगर निकाय को प्रत्येक पांच वर्ष में संपत्तिकर पुनरीक्षण व सड़क वर्गीकरण का पुर्नरीक्षण करते हुए 15 प्रतिशत ट्रैक्स में बढोतरी किया जाना है।
बीते 17 दिसंबर को आयोजित आम बोर्ड की बैठक में पार्षद उमेश राय, शगुफ्ता ताजवर समेत इक्के दुक्के पार्षद व उपमहापौर अनीता राय के विरोध के बाद उक्त मामले को अगली बैठक के लिए टाला गया है।
सामान्य बोर्ड की अगली बैठक में संपत्तिकर बढ़ोत्तरी व सड़क वर्गीकरण की आड़ में गलियों को मुख्य सड़क घोषित कर घालमेल किए जाने का मुद्दा छाया रहेगा।
अधिकतर वार्ड पार्षद मूकदर्शक बने
- नगर निगम सामान्य बोर्ड की बैठक में विरोध अंकित करा चुके पार्षद उमेश राय का मानना है कि नगर निगम प्रशासन निगम वासियों पर अतिरिक्त कर का बोझ लादना चाहती है। उक्त प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद निगम क्षेत्र के कई वार्ड के लोगों के कर में 40 प्रतिशत से अधिक की बढोतरी हो जाएगी।
- उनका कहना है कि बेगूसराय में पटना नगर निगम से अधिक टैक्स वसूली की तैयारी की जा रही है। नगर निगम में अफसरशाही हावी है और अधिकतर वार्ड पार्षद मूकदर्शक बने हैं। ट्रैक्स बढोतरी किए जाने के बाद लोगों का आक्रोश व नाराजगी का खामियाजा आखिरकार वार्ड पार्षदों को ही भुगतना पड़ेगा।
प्रधान, मुख्य व अन्य वर्ग में बंटी है निगम की सड़कें
बताते चलें कि नगर निगम क्षेत्र में टैक्स वसूली के लिए सड़कों को प्रधान, मुख्य व अन्य वर्ग में बांटा गया है। प्रधान सड़कों की संख्या छह जबकि मुख्य सड़कों की संख्या 13 हैं। सड़क वर्गीकरण के अनुसार ही संबंधित क्षेत्र के होल्डिंग के संपत्तिकर का निर्धारण किया जाता है।
सड़क वर्गीकरण में बदलाव के बाद नगर निगम क्षेत्र में प्रधान सड़कों की संख्या सात व मुख्य सड़कों की संख्या बढ़ाकर 25 करने का प्रस्ताव है। मुख्य सड़कों में शहर के कई मोहल्ले की गलियों को भी शामिल किया गया है, जहां न तो कोई व्यवसायिक गतिविधियों संचालित है और न ही सड़कें 20 फीट से ज्यादा चौड़ी है।
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