Fatty Liver: डायबिटीज के बाद साइलेंट किलर बन रहा फैटी लिवर, शराब न पीने वाले भी चपेट में; जानें बचाव के उपाय
आधुनिक जीवनशैली के कारण फैटी लिवर की समस्या बढ़ रही है। डॉ. अनिल कुमार गुप्ता के अनुसार सीमांचल में 10 में से 3 लोगों को यह समस्या है। लापरवाही बरतने पर यह गंभीर रूप ले सकती है। उन्होंने बताया कि ग्रेड वन में भूख कम लगती है। समय पर जांच और फाइब्रोस्केन कराएं। कम वसा युक्त भोजन और व्यायाम से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। आधुनिक जीवनशैली और खान-पान के कारण जहां लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वहीं, इसका खामियाजा उनके लीवर को भी भुगतना पड़ रहा है।
सीमांचल के इलाके में 10 में से 3 लोगों को आज के दिन में फैटी लीवर की समस्या है। जबकि देश की बात करें तो लगभग 30 प्रतिशत आबादी फैटी लिवर के रोग से ग्रसित है और हर साल लगभग 3 लाख लोग लिवर की बीमारी से मरते हैं, जो कुल मौतों का 3.17 प्रतिशत है।
इसके अलावा इन मरीजों में 85 फीसदी मरीज जो हैं, जिन्होंने कभी शराब नहीं पी। आप लिवर की इस बीमारी के आंकड़ों को गूगल कर चेक कर सकते हैं। उक्त बातें शहर के जाने-माने सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार गुप्ता ने कहीं।
लापरवाही पड़ेगी भारी
उन्होंने कहा कि फैटी लिवर एक आम बीमारी की तरह है। प्रारंभिक दिनों में ही अगर इसका उपचार कर लिया जाए तो यह बीमारी पूरी तरह टीक हो जाती है। लेकिन उपचार कराने में लापरवाही बरतने पर इस बीमारी के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
क्या होता है ग्रेड वन फैटी लिवर
डॉक्टर एके गुप्ता ने बताया कि लीवर पर 5 प्रतिशत से 30 फीसदी तक वसा जमा होने पर इसे ग्रेड वन का फैटी लिवर कहा जाता है। ग्रेड वन फैटी लिवर होने पर मरीज को भूख कम लगती है। साथ उसे उल्टी की भी शिकायत हो सकती है। इसके अलावा मरीज का वजन कम हो सकता है और उसे हर वक्त कमजोरी महसूस हो सकती है।
डॉक्टर अनिल कुमार गुप्ता।
इस स्थिति में मरीज को चाहिए कि वह अपने खून की जांच कर लिवर फंक्शन की जांच कराए। उसके बाद ग्रेड वन के मरीज को फाइब्रोस्केन जरूर करा लेना चाहिए। ताकि मरीज के लिवर में बीमारी किस स्तर तक पहुंच गई है, इसकी सटीक जानकारी मिल सके।
फैटी लिवर की समस्या न करें नजरअंदाज
डॉक्टर एके गुप्ता ने बताया कि 35 से 40 के बीच के युवा जिनको फैटी लिवर की समस्या है, उन्हें इसकी जांच करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि फैटी लिवर की समस्या को नजर अंदाज करने पर यह 60 से 65 वर्ष की अवस्था आते-आते लिवर सोरोसिस में बदल जाती है। तब इस बीमारी का इलाज कर पाना लगभग असंभव हो जाता है।
इस बीमारी से बचने के लिए डॉ. एके गुप्ता ने लोगों से कम वसा युक्त भोजन करने और व्यायाम और योग करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि व्यायाम से शरीर और लिवर पर फैट या वसा जमा नहीं होता और इस बीमारी से बचा जा सकता है।
भोजन पचाने में होती है समस्या
फैटी लिवर की जांच के लिए कराएं फिब्रोस्कैन
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