रेड में खलल डालने का मामला: कोढ़ा DSP की बढ़ गई मुश्किलें, DIG ने भेजी रिपोर्ट; अब कार्रवाई तय
कोढ़ा गैंग के खिलाफ छापेमारी करने गई पूर्णिया पुलिस को रोकने के मामले में डीएसपी पर कार्रवाई की गाज गिरना तय माना जा रहा है। एसपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोढ़ा डीएसपी ने पुलिस टीम का सहयोग नहीं किया जिससे अपराधी फरार हो गए। डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर सूबे के पुलिस महानिदेशक को रिपोर्ट भेज दी गयी है।

राजीव कुमार, जागरण संवाददाता, पूर्णिया। कोढ़ा गैंग के खिलाफ छापेमारी करने गयी पूर्णिया पुलिस को सहयोग नहीं करने के मामले में कोढ़ा डीएसपी धर्मेंद्र कुमार फंस गए हैं।
इस मामले में कटिहार के पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने अपनी जांच रिपोर्ट पूर्णिया प्रक्षेत्र के डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल को भेज दी है। कटिहार एसपी की रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में डीआईजी पूर्णिया ने सूबे के पुलिस महानिदेशक को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।
बताया जाता है कि अब कोढ़ा डीएसपी धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस मामले में पूर्णिया एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने पहले ही डीआईजी पूर्णिया को अपनी जांच रिपोर्ट भेज दी थी, जिसमें कोढ़ा गैंग के खिलाफ छापेमारी में कोढ़ा डीएसपी द्वारा असहयोग करने की बात कही गयी है।
इस मामले में डीआईजी द्वारा कटिहार एसपी से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद कटिहार के पुलिस अधीक्षक ने तीन फरवरी 2025 को कोढ़ा डीएसपी धर्मेंद्र कुमार एवं प्रशिक्षु डीएसपी सह कोढ़ा थाना अध्यक्ष से इस संबंध में स्पष्टीकरण की मांग की थी।
एसपी के स्पष्टीकरण के जवाब में इन दोनों पुलिस अधिकारियों ने अपना जवाब दिया, जिसके बाद एसपी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट डीआईजी को भेजी।
डीआईजी को भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में कटिहार एसपी ने माना है कि कोढ़ा डीएसपी धर्मेंद्र कुमार के दिशा-निर्देश के कारण कोढ़ा गैंग के खिलाफ होने वाली छापेमारी पूरी तरह से प्रभावित हुई।
इसके अलावा रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि कोढ़ा डीएसपी ने कोढ़ा गैंग के खिलाफ गांव की घेराबंदी कर छापेमारी करने से मना किया था।
कोढ़ा डीएसपी ने बताया प्रशिक्षु डीएसपी से महज 15 सेकेंड हुई बात
कटिहार एसपी द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण के जवाब में कोढ़ा डीएसपी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि एक फरवरी की (रात्रि में) कोढ़ा गैंग के अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु छापेमारी करने आई पूर्णिया पुलिस टीम के किसी सदस्य से उनकी कोई बात नहीं हुई है।
इसके अलावा ना ही पूर्णिया एसपी से कोई बात हुई है। परिवीक्ष्यमान पुलिस उपाधीक्षक सह थानाध्यक्ष, कोढ़ा थाना ने दो फरवरी की रात्रि समय 01:13 बजे मुझसे मात्र 15 सकेंड बात की है। उनके द्वारा मुझे यह बताया गया कि पूर्णिया पुलिस छापेमारी के लिए आई है। इस पर जो भी विधि-सम्मत आवश्यक कार्रवाई हो करने को कहा गया।
प्रशिक्षु डीएसपी के जवाब ने खड़े किए सवाल
प्रशिक्षु डीएसपी सह-थानाध्यक्ष, कोढ़ा थाना द्वारा समर्पित स्पष्टीकरण में उल्लेख है कि दो फरवरी को 01:05 बजे पुलिस निरीक्षक रूपक रंजन, थानाध्यक्ष, मरंगा थाना, पूर्णिया एवं अन्य पुलिस पदाधिकारी बल के साथ थाना आए।
यहां आने के बाद कोढ़ा थाना अंतर्गत ग्राम जुराबगंज के 13 वांछित अपराधकर्मियों की सूची संलग्न करते हुए छापेमारी में सहयोग हेतु अनुरोध पत्र दिया। इसके बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर-दो से संपर्क कर मार्गदर्शन प्राप्त किया तो उनके द्वारा निर्देशित किया गया कि पूरे गांव को घेरकर छापेमारी नहीं करनी है।
प्रमोद कुमार मंडल, डीआइजी, पूर्णिया।
सूची में चिह्नित अपराधकर्मियों के घर विधिवत छापेमारी करायी जाए। यह ध्यान रखा जाए की किसी भी महिला तथा निर्दोष को कोई परेशान ना करें। इस निर्देश को पूर्णिया से आये छापेमारी दल को अवगत कराया गया।
पूर्णिया टीम के आगमन तथा प्रस्थान के बीच के समय में कोढ़ा थाना से छापेमारी में सहयोग हेतु पुलिस पदाधिकारी तथा बल को तैयार कराया गया तथा पूर्णिया टीम से विचार विमर्श उपरांत संयुक्त रूप से रणनीति बनायी गयी।
प्रशिक्षु डीएसपी ने कहा- 22 दिन पहले संभाला था थाना का प्रभार
कटिहार एसपी को स्पष्टीकरण के जवाब में प्रशिक्षु डीएसपी सह कोढ़ा थाना अध्यक्ष ने कहा है कि नौ जनवरी 2025 को उनके द्वारा कोढ़ा थाना अध्यक्ष का पदभार संभाला गया है। पूर्णिया से आए दो पुलिस पुलिस निरीक्षक रविन्द्र कुमार एवं पुलिस निरीक्षक रूपक रंजन सिंह कोढ़ा थाना में वर्ष 2018 से वर्ष-2023 तक थानाध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं।
वह जुराबगंज के अधिकतम अभियुक्तों से वाकिफ हैं। ये दोनों ही इस छापेमारी का संचालन कर रहे थे तथा कोढ़ा थाना से मैं तथा अन्य पुलिस पदाधिकारी एवं बल तथा थानाक्षेत्र में गश्ती कर रहे दोनों गश्ती दल तथा चौकीदार इनके सहयोग में गए थे।
मेरे द्वारा पुलिस निरीक्षक रूपक रंजन से सिर्फ यह पूछा गया था कि क्या 13 लोगों के विरूद्ध वारंट भी हैं या सिर्फ वांछित हैं। इस पर उन्होंने बताया कि संज्ञेय अपराध में वारंट की आवश्यकता नहीं होती। इसी बात को पूर्णिया टीम द्वारा गलत उद्धरण दिया गया कि मैंने गिरफ्तारी हेतु अधिपत्र की मांग की है जबकि मैंने ऐसी कोई मांग नहीं की थी।
दोनों के जवाब में एसपी ने पाया विरोधाभास
कटिहार एसपी ने अपनी रिपोर्ट में माना कि दोनों पुलिस पदाधिकारियों के स्पष्टीकरण में विरोधाभास है। एक ओर जहां अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर-दो, कटिहार द्वारा बताया गया है कि प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक-सह-थानाध्यक्ष, कोढ़ा से उक्त छापेमारी से संबंधित मुझसे केवल 15 सेकेंड की बात हुई है।
जिसमें छापेमारी को लेकर विधि-सम्मत आवश्यक कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया गया है। प्रशिक्षु डीएसपी द्वारा जितनी बात बताई जा रही है वह 15 सेकेंड में बता पाना अंसभव प्रतीत होता है।
कोढ़ा गैंग के खिलाफ छापेमारी करने गयी पुलिस को सहयोग नहीं करने के मामले में कटिहार एसपी द्वारा कोढ़ा डीएसपी के मामले में रिपोर्ट दे दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर सूबे के पुलिस महानिदेशक को रिपोर्ट भेज दी गयी है। -प्रमोद कुमार मंडल, डीआईजी, पूर्णिया।
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