Purnia News: ट्रेनी DSP श्वेता कुमारी पर गिरी गाज, कोढ़ा थानाध्यक्ष पद से हटाई गईं; इस मामले में हुआ एक्शन
कोढ़ा गैंग के खिलाफ छापेमारी करने गई पूर्णिया पुलिस की टीम को रोकने के मामले में थाना अध्यक्ष सह ट्रेनी डीएसपी श्वेता कुमारी को थाना अध्यक्ष कोढ़ा के पद से हटा दिया गया है। कार्य में लापरवाही बरतने के कारण उन्हें इस पद से हटाया गया है। ट्रेनी डीएसपी श्वेता कुमारी को यह भी चेतावनी दी गई है कि भविष्य में इस तरह की घटना की दोहराई ना जाए।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। कोढ़ा गैंग के खिलाफ छापेमारी करने गई पूर्णिया पुलिस की टीम को रोकना कोढ़ा के थाना अध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी श्वेता कुमारी को मंहगा पड़ गया।
कटिहार एसपी वैभव शर्मा ने उन्हें इस मामले में लापरवाह मानते हुए तत्काल थाना अध्यक्ष कोढ़ा के पद से हटा दिया है। प्रशिक्षु डीएसपी श्वेता कुमारी को तत्काल प्रभाव से डीआईयू शाखा कटिहार में योगदान करने का निर्देश दिया गया है।
भविष्य में न हो इस तरह की गलती
इस संबंध में निर्गत आदेश में कटिहार एसपी ने कहा है कि प्रशिक्षु डीएसपी सह कोढ़ा थाना अध्यक्ष श्वेता कुमारी द्वारा छापेमारी करने का विलंब से आदेश देने के कारण कांडो में संलिप्त कई अपराध कर्मी अपने घरों को छोड़कर भाग गए जो उनके कर्तव्य के प्रति गैर जिम्मेदाराना और असहयोगी रवैया एवं मनमाने पन को दर्शाता है।
इस आरोप में प्रशिक्षु डीएसपी सह कोढ़ा थाना अध्यक्ष को इस बात की चेतावनी दी जाती है कि भविष्य में इस तरह की घटना की दुबारा ना दोहराई जाए।
पूर्णिया एसपी ने की थी शिकायत
गौरतलब है कि इस मामले में पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के शर्मा ने कटिहार एसपी से इस संबंध में शिकायत की थी कि छापेमारी करने गई पूर्णिया पुलिस को कोढ़ा थाना में ना केवल छापेमारी के नाम पर घंटों रोका गया, बल्कि जिन अपराधियों के खिलाफ छापेमारी करनी थी, उनका वारंट भी मांगा गया।
पूर्णिया एसपी ने इस मामले में डीआईजी पूर्णिया से भी लिखित शिकायत की थी। इसके बाद डीआईजी ने इस मामले में कटिहार एवं पूर्णिया एसपी से रिपोर्ट तलब की थी।
इस मामले में कोढ़ा डीएसपी धमेंद्र कुमार की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। कटिहार एसपी की रिपोर्ट के बाद डीआईजी ने कोढ़ा डीएसपी के संबंध में डीजीपी को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।
आईजी से मिलकर पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ शोषण करने का लगाया आरोप
वहीं दूसरी ओर पीरपैंती में परशुरामपुर चौखंडी निवासी सुमंत सिंह ने भागलपुर आईजी विवेक कुमार को आवेदन देकर झूठे केस में फंसाने और केस में शोषण करने का आरोप लगाकर आवेदन दिया है।
इस मामले में पीड़ित ने जांच करवाकर न्याय की मांग की है। पीड़ित ने बताया कि 17 मई 2024 को अवैध बालू ढुलाई का हमने विरोध किया था। इसी को लेकर मेरे खिलाफ धर्मराज सिंह ने झूठा मुकदमा 251/24 दर्ज कर दिया था।
हमने इस मामले में न्याय के लिए कहलगांव एसडीपीओ-2 को आवेदन दिया था। लेकिन एसडीपीओ-2 ने बिना मेरा पक्ष जाने मेरी गिरफ्तारी का सुपरविजन निकाल दिया। पुलिस मुझे गिरफ्तार कर कोर्ट ले गई। जहां से मुझे कोर्ट ने धारा 41 का नोटिस नहीं देने के कारण छोड़ दिया।
एसडीपीओ 2 ने मुझे अपने कार्यालय में बुलाकर अक्टूबर माह में सादे कागज पर हस्ताक्षर ले लिया। उस पर 12 अगस्त की तिथि लिखा दी और कहा कि धारा 41 का नोटिस मिल गया। कोर्ट आपको कंफ्यूजन में बेल दे दिया। आवेदक ने आईजी को सभी ऑडियो उपलब्ध करवाकर न्याय की मांग की है।
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