बिहार: क्या मॉनसून सत्र के पहले छंट जाएंगे सरकार पर छाए संशय के बादल?
बिहार में बुधवार को कैबिनेट की बैठक है तो शुक्रवार से मॉनसूत्र सत्र शुरू होगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बीच तेजस्वी को लेकर अहम फैसला हो जाएगा।
पटना [अमित आलोक]। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के इस्तीफे के मुद्दे पर बिहार की महागठबंधन सरकार पर खतरा गहरा गया है। राजद जहां इस्तीफे के खिलाफ है, वहीं जदयू भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' के समर्थन में। दोनों के बीच मध्यस्थता में जुटी कांग्रेस को फिलहाल कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही। उधर, भाजपा ने तेजस्वी का इस्तीफा या बर्खास्तगी नहीं होने पर विधानमंडल का मॉनसून सत्र नहीं चलने देने का अल्टीमेटम दिया है। ऐसे में सवाल लाजिमी है कि क्या मॉनसून सत्र के पहले सरकार पर छाए संशय के बादल छंट जाएंगे?
घटक दलों की अलग-अलग बैठकें
तेजस्वी के मुद्दे पर महागठबंधन का महाभारत निर्णायक दौर में है। इससे उपजे तनाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घटक दल जदयू और राजद इस बार विधानमंडल सत्र से पहले विधायक दल की बैठकें अलग-अलग कर रहे हैं। राजद व जदयम विधायक दलों की बैठकें बुधवार (26 जुलाई) को है, जबकि कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुक्रवार (28 जुलाई) को निर्धारित है।
मॉनसून सत्र को बाधित करेगी भाजपा
इस बीच भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तेजस्वी के इस्तीफे या बर्खास्तगी नहीं होने पर विधानमंडल के मॉनसून सत्र को बाधित करने का अल्टीमेटम दे दिया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान पार्षद विनोद नारायण झा ने नीतीश के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे भ्रष्टाचार के आरोपी तेजस्वी के साथ मॉनसून सत्र में कैसे बैठेंगे। भाजपा ने तेजस्वी का इस्तीफा या बर्खास्तगी नहीं होने पर विधानमंडल का मॉनसून सत्र बाधित करने की घोषणा की है।
मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हो सकते तेजस्वी
इस बीच बुधवार को बिहार मंत्रिमंडल की बैठक भी बेहद अहम है। पिछली कैबिनेट बैठक के ट्रेंड को देखें तो बैठक में तेजस्वी यादव का शामिल होना तय माना जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो यह सरकार के लिए अहम बात होगी।
राजद बोला, इस्तीफे का सवाल नहीं
महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद ने तेजस्वी के इस्तीफे के किसी भी सवाल को खारिज कर दिया है। राजद विधायक शक्ति यादव ने कहा है कि बताया कि विधायक दल की बैठक में मॉनसून सत्र पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी भाजपा को तेजस्वी पर सवाल उठाने से पहले अपने दागी मंत्रियों पर बोलना चाहिए।
जदयू ने साधी चुप्पी
इस बीच कल तक डिप्टी सीएम तेजस्वी के मुद्दे पर मुखर जदयू के प्रवक्ताओं ने मंगलवार को चुप्पी साध ली। पार्टी प्रवक्ता अजय आलोक ने पूछने पर भी कुछ बोलने से परहेज किया। हालांकि, उन्होंने इतना जरूर कहा कि अभी बिहार विधानमंडल के 28 जुलाई से शुरू होने वालू मॉनसून सत्र में दो दिन शेष हैं। हालांकि, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने महागठबंधन पर किसी खतरे से इन्कार किया है।
पहली बार खुलकर बोले नीतीश
जदयू ने भले ही चुप्पी साध ली हो, मंगलवार को पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार पहली बार इस मुद्दे पर खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पर कोई खतरा नहीं है। कहा कि महागठबंधन चलाना सामूहिक जिम्मेदारी है, इसकी चिंता सबों को करनी चाहिए।
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देखना है, ऊंट किस करवट बैठता है
बहरहाल, महागठबंधन के लिए अगले दो दिन बेहद अहम हैं। तेजस्वी के इस्तीफा नहीं देने की राजद की स्पष्ट घोषणा के बाद अब फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना है। देखना यह है कि ऊंट किस करवट बैठता है।
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