IAS Sanjeev Hans: संजीव हंस केस में नया मोड़, काली कमाई को सफेद करने वालों पर ED की नजर
आईएएस संजीव हंस की काली कमाई को सफेद करने में मदद करने वालों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता जा रहा है। दिल्ली गुड़गांव जयपुर और नागपुर में ईडी की छापेमारी में 60 करोड़ के शेयर निवेश और 18 करोड़ के रियल एस्टेट निवेश के प्रमाण मिले हैं। ईडी को ऐसे लोगों के सुराग भी मिले हैं जो हंस की काली कमाई को सफेद करने में मददगार थे।

राज्य ब्यूरो, पटना। आईएएस संजीव हंस (IAS Sanjeev Hans) पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। मंगलवार को हंस व अन्य के खिलाफ दिल्ली, गुड़गांव, जयपुर, नागपुर में ईडी की छापामारी में जहां 60 करोड़ के शेयर में निवेश और रियल इस्टेट में 18 करोड़ के निवेश के प्रमाण मिले, वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी को कई ऐसे लोगों के सुराग भी मिले हैं जो संजीव हंस की काली कमाई को सफेद करने में हंस के मददगार थे। सुराग मिलने के बाद ईडी ऐसे तत्वों के खिलाफ सबूत जुटाने में जुट गई है।
ईडी पटना जोनल कार्यालय की टीम ने मंगलवार को आईएएस संजीव हंस और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता, जयपुर, नागपुर में 13 स्थानों पर एक साथ छापा मारा था। जिनके यहां यह कार्रवाई की गई वे सभी हंस के सहयोगी बताए जाते हैं।
छापामारी के दौरान जांच एजेंसी को यह जानकारी मिली कि विभिन्न सरकारी पदों पर रहते हुए और अपनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान हंस ने भ्रष्टाचार से करोड़ों की आय अर्जित की थी। संजीव हंस के मददगारों में पूर्व विधायक गुलाब यादव और अन्य कई नामी लोगों के नाम बताए जा रहे हैं।
संजीव हंस के करीबी के डी-मैट अकाउंट से बरामद किए 60 करोड़ के शेयर
मंगलवार को ईडी ने अपनी कार्रवाई के दौरान संजीव हंस के एक करीबी सहयोगी (वर्तमान में इस मामले में न्यायिक हिरासत में) के परिवार के सदस्यों के नए खोले गए डी-मैट खातों में 60 करोड़ रुपये के शेयर पाए गए हैं। इसके अलावा, उनके परिसर से 70 बैंक खातों का विवरण भी मिला। इन बैंक खातों का इस्तेमाल अपराध की आय को इकट्ठा करने नकदी को छिपाने के लिए किया जाता था। ईडी ने छापामारी में रियल एस्टेट में लगभग 18 करोड़ रुपये का निवेश किया और इस तरह के सौदों में भारी मात्रा में नकदी छिपाने के साक्ष्य भी एकत्र किए गए हैं।
जांच एजेंसी ने डी-मैट खातों के लगभग 60 करोड़ और 70 बैंक खातों में शेष राशि को तत्काल फ्रिज कर दिया है। अन्य परिसरों से 16 लाख की विदेशी मुद्रा और 23 लाख रुपये भी बरामद किए गए।
ईडी को अपनी छापामारी के दौरान कई ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जिनसे यह प्रमाणित होता है कि हंस की काली कमाई को सफेद करने वाले कई बड़े-बड़े लोग थे। अब ये सभी ईडी की रडार पर हैं। सूत्रों की माने तो ऐसे तमाम लोगों को निकट भविष्य में कार्रवाई संभावित है।
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