New Expressway: बिहार को 3 राज्यों से जोड़ने वाले 2 एक्सप्रेस-वे के निर्माण में अड़चन, कहां फंसा है पेच?
बिहार को तीन राज्यों से जोड़ने वाले दो एक्सप्रेस-वे (Bihar New Expressway) के एलाइनमेंट में पेच फंस गया है। यूपी व पश्चिम बंगाल सरकार की अनुमति नहीं मिल पाने की वजह से रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे (Raxaul Haldia Expressway) और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का मार्गरेखन अभी तक फाइनल नहीं हो पाया है। जानिए इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण में आ रही दिक्कतों के बारे में।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार को तीन राज्यों से जोड़ने वाले दो एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट में पेच फंस गया है। यूपी व पश्चिम बंगाल सरकार की अनुमति नहीं मिल पाने की वजह से रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे (Raxaul Haldia Expressway) और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का मार्गरेखन अभी तक फाइनल नहीं हो पाया है, जबकि मार्गरेखन का मामला सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एलाइनमेंट कमेटी के पास पहुंच चुका है।
यूपी सरकार से मिलनी है गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की अनुमति
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का बड़ा हिस्सा बिहार में है। एनएचएआई ने इस एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट को तैयार कर लिया है। इसे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया।
एनएचएआई की एलाइनमेंट कमेटी ने इस पर यूपी सरकार के संबंधित मंत्रालय को भेजा है, मगर अभी यह तय नहीं हो सका है कि गोरखपुर में किस एलाइनमेंट से यह सड़क बिहार में प्रवेश करेगी।
प्रोजेक्ट की लंबाई कितनी है?
इस प्रोजेक्ट की लंबाई 519 किमी है। यह सड़क एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड सड़क के रूप में बनेगी। यूपी सरकार से अभी तक सहमति नहीं मिल पाने की वजह से इस एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट पर अभी तक मुहर नहीं लग पाई है।
पूर्व में यह तय था कि फरवरी में ही एनएचएआई के एलाइनमेंट कमेटी पर निर्णय लेगी पर बात नहीं बन सकी है। इस सड़क का निर्माण 'भारतमाला' योजना के तहत किया जाना है।
पश्चिम बंगाल सरकार की वजह से अटका है रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे का एलाइनमेंट
- रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे एक साथ तीन राज्यों से होकर गुजर रही है। पटना से झारखंड के रास्ते इसे पश्चिम बंगाल के पोर्ट सिटी हल्दिया तक जाना है।
- एनएचएआई ने इस सड़क के एलाइनमेंट का प्रस्ताव तैयार कर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ते एलायनमेंट कमेटी को भेज दिया है, मगर पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी इस एलाइनमेंट पर अपनी सहमति नहीं दी है।
- पश्चिम बंगाल सरकार की अनुमति के बगैर एलाइनमेंट काे फाइनल किए जाने में परेशानी है।
- रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट ग्रीन फील्ड परियोजना के रूप में है। इसकी संभावित लंबाई 650 किमी है।
जमीन की किस्म को लेकर विवाद से प्रभावित हो रही भारत माला परियोजना
एनएचएआई की महत्वपूर्ण भारत माला परियोजना (वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे) के निर्माण में आ रही बाधाओं को जल्द दूर करने का निर्णय लिया गया। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक में अधिकारियों को कहा गया कि वे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज करें। इस परियोजना के लिए औरंगाबाद, गया, कैमूर, एवं रोहतास जिलों में भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है।
औरंगाबाद जिले के बारे में बताया गया कि कुछ रैयत मध्यस्थता वाद में चले गए हैं। विवाद सुलझाने के लिए कैंप आयोजित करने की सलाह दी गई है। गया जिला में इस परियोजना का कुछ हिस्सा जंगल में पड़ता है। इसके कारण थ्री जी प्राक्कलन नहीं तैयार हुआ हुआ है। 28 मौजों का दखल कब्जा एनएचएआई को सौंप दिया गया है, लेकिन रैयतों के बीच आपसी विवाद के अलावा जमीन की किस्म को लेकर भी अधिग्रहण में बाधा आ रही है।
बैठक में बताया गया कि कैमूर जिले में इस परियोजना के लिए कुल 73 में से 57 मौजे के रैयतों को मुआवजा लेने के लिए सूचना दी गई है। यहां भी जमीन की किस्म को लेकर रैयतों में नाराजगी है। वे मुआवजा प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं दे रहे हैं। एक कठिनाई जमीन के दस्तावेज को लेकर भी आ रही है। सचिव ने निर्देश दिया कि रैयतों के साथ बातचीत कर इस विवाद को सुलझाएं।
रोहतास जिले में भी इस परियोजना के लिए पैकेज तीन, चार और पांच पर काम हो रहा है। पैकेज तीन में चार करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। सलाह दी गई कि मुआवजा भुगतान की गति को तेज किया जाए। पैकेज चार में कोई समस्या नहीं है। पैकेज पांच के लिए दौ मौजों का पंचाट तैयार कर अधियाची विभाग को भेज दिया गया है। इसे जल्द मंजूर करने का आश्वासन दिया गया है।
क्यों होता है कि विवाद?
जमीन की किस्म को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की कई परियोजनाओं पर संकट है। असल में सरकार और अधियाची विभाग सौ साल पुराने खतियान के आधार पर जमीन की किस्म तय करते हैं। पुराने खतियान में जो जमीन कृषि कार्य के लिए दर्ज है, उस पर आज आवास या व्यवसायिक प्रतिष्ठान बन गए हैं। हालांकि राज्य सरकार इस विवाद को सुलझाने का उपाय कर रही है। लेकिन, ठोस परिणाम आना बाकी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।