Bihar New Highway: बिहार को मिल सकता है नया हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, इन जिलों को मिलेगा सीधा लाभ
बिहार को जल्द ही एक नया हाई-स्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर (High Speed Greenfield Corridor) मिल सकता है। इस कॉरिडोर से राज्य के उत्तर-दक्षिण हिस्से को सीधी संपर्कता मिलेगी। यह कॉरिडोर बगहा से आरा के पातर के बीच बनेगा और पटना-आरा-सासाराम हाईस्पीड कॉरिडोर से जुड़ जाएगा। इस कॉरिडोर से भोजपुर सारण सीवान गोपालगंज और पश्चिम चंपारण जिले को त्वरित संपर्कता हासिल होगी।

जागरण टीम, पटना/गया। उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने साेमवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा केंद्र को नारायणी-गंगा कॉरिडोर का प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
इस कॉरिडोर से राज्य के उत्तर-दक्षिण हिस्से को संपर्कता मिलेगी। यह नए हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर (High Speed Greenfield Corridor) के रूप में विकसित होगा। इसमें गंडक नदी पर एक नए पुल का प्रस्ताव भी शामिल है।
इन जिलों को मिलेगा लाभ
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस कॉरिडोर से राज्य के उत्तर-पश्चिम कोने की सीधी संपर्कता दक्षिण-पश्चिम कोने से हो जाएगी। इससे भोजपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज और पश्चिम चंपारण जिले को त्वरित संपर्कता हासिल होगी।
पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर से होगा कनेक्ट
प्रस्तावित कॉरिडोर बगहा से आरा के पातर के बीच बनेगा। यह कॉरिडोर पटना-आरा-सासाराम हाईस्पीड कॉरिडोर (Patna Ara Sasaram Corridor) से जुड़ जाएगा।
अभी आरा व छपरा के बीच गंगा पर जो पुल है, उस पर वाहनों का अधिक दवाब है। इस वजह से गंगा नदी पर रिविलगंज में एक और पुल के निर्माण पर विचार किया जा रहा।
विजय सिन्हा ने बताया कि यह प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लक्ष्य के अनुरूप त्वरित संपर्कता उपलब्ध कराने की दिशा मे भी यह कॉरिडोर निर्णायक साबित होगा।
प्रगति यात्रा के गुजरते ही आरा-पटना मार्ग फिर हुआ जाम
एक तरफ राज्य को आए दिन नए हाईवे व एक्सप्रेस-वे की सौगात मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ, अभी भी कई जिलों में हाईवे पर जाम की स्थिति बनी हुई है। गया जिले के कोईलवर का नाम आते ही हाईवे से गुजरने वाले लोगों के जेहन में जाम का भय सताने लगता है। रविवार को जिले में 'प्रगति यात्रा' के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आगमन हुआ। तैयारी पहले से हो रही थी।
इसे लेकर कोईलवर में सभी हाईवे पर जाम ऐसा खत्म हुआ कि चार दिनों से पटना-बक्सर फोरलेन पर वाहन सरपट दौड़ने लगे। बिहटा से कोईलवर मनभावन मोड़ तक दस किलोमीटर हाईवे पर एक भी बालू लदे ट्रक या भारी वाहन नहीं दिखे। जिससे बीस किलोमीटर लंबे आरा-छपरा हाईवे पर भी नो ट्रैफिक रहा। हालांकि, सोमवार से सड़क फिर पुरानी स्थिति में लौट गई और जाम लगना शुरू हो गया।
चार दिनों से बालू अनलोड और लोड ट्रकों की रोक के कारण सकड्डी-नासरीगंज स्टेट हाईवे और खदान जाने वाली लिंक सड़क पर भी कोई ट्रक नहीं चला। जिससे लोगों की यात्रा काफी सुगम रही। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर चार दिन पहले से ही खनन विभाग ने बालू चालान बंद कर दिया था। जिससे भोजपुर जिले के 34 बालू घाट से बालू का चालान नहीं कटा, न ही कोई ट्रक खदान गया।
अनुमान है कि चार दिनों में लगभग 15 से 16 हजार बालू लदे ट्रक खदान से नहीं निकले। जिससे बालू संवेदकों को क्षति हुई है। हालांकि, राजस्व पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। वहीं, रविवार की रात से फिर से बालू लोड करने के ट्रकों का खदान में जाना शुरू हो गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बालू खनन से सरकार का खजाना तो भरता है, लेकिन उसके परिवहन की फिलहाल सरकार के पास कोई योजना नहीं है। ऐसे में खनन शुरू होते ही कोईलवर से चांदी और आरा-छपरा मार्ग जाम की गिरफ्त में आ जाता है।

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