Traffic Challan को लेकर पुलिस की नई तैयारी, 3.5 करोड़ रुपये होंगे खर्च; गृह विभाग ने दी मंजूरी
पटना की तर्ज पर अब सभी प्रमुख शहरों में पुलिसकर्मी कैमरे की निगरानी में ई-चालान काटेंगे। इसके लिए एक हजार बॉडी वॉर्न कैमरों की खरीद की जाएगी। बॉडी वॉर्न कैमरों से यातायात नियमों के उल्लंघन पर नजर रखी जाएगी और ई-चालान जारी किए जाएंगे। इस कदम का उद्देश्य ई-चालान प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित करना है।

कुमार रजत, पटना। यातायात नियमों के उल्लंघन पर पटना की तर्ज पर सभी प्रमुख शहरों में पुलिसकर्मी कैमरे की निगरानी में ई-चालान काटेंगे। रेलवे सुरक्षा में भी बॉडी वॉर्न कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए एक हजार बॉडी वॉर्न कैमरों की खरीद की जाएगी।
पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव पर गृह विभाग ने इसकी मंजूरी दे दी है। इस पर करीब साढ़े तीन करोड़ की राशि खर्च की जाएगी।
वर्तमान में ट्रैफिक ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को करीब 500 बॉडी वॉर्न कैमरे दिए गए हैं। एक हजार नए बॉडी वॉर्न कैमरे आ जाने के बाद मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, दरभंगा, पूर्णिया समेत अन्य प्रमुख शहरों में भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी बॉडी वॉर्न कैमरों से लैस दिखेंगे।
पुलिसकर्मियों को बॉडी वॉर्न कैमरों से होगा फायदा
यातायात अनुपालन में लगे पुलिसकर्मी व पदाधिकारी अपनी वर्दी पर बॉडी वार्न कैमरे लगाकर ड्यूटी करेंगे। इसके बाद अगर कोई यातायात नियमों का उल्लंघन करता है, तो बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस पुलिसकर्मी हैंड हेल्ड डिवाइस (एचएचडी) से ई-चालान निर्गत करेंगे।
- बॉडी वॉर्न कैमरे देने का उद्देश्य ई-चालान निर्गत करने की व्यवस्था में पारदर्शिता लाना है। अकसर लोग ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर भयादोहन कर चालान करने का आरोप लगाते हैं। ऐसे में बॉडी वॉर्न कैमरे से चालान प्रक्रिया की पूरी रिकॉर्डिंग हो सकेगी।
- अगर कोई व्यक्ति पुलिस की बदसलूकी या अवैध वसूली की शिकायत करता है, और उस दौरान पुलिसकर्मी का बॉडी वॉर्न कैमरा बंद पाया जाता है, तो पुलिसकर्मी को दोषी मानकर कार्रवाई भी की जाएगी।
स्टेशनों पर लगेगे स्कैनर, कैदी वाहन भी खरीदे जाएंगे:
पुलिस आधुनिकीकरण के तहत गृह विभाग ने करीब 19 करोड़ से उपकरणों की खरीद की स्वीकृति दी है। इसके तहत आधा दर्जन बैगेज स्कैनर भी खरीदे जाएंगे जो रेलवे स्टेशनों के प्रवेश द्वार पर लगाए जाएंगे जिससे यात्रियों के सामान की जांच होगी।
वहीं, नौ करोड़ 24 लाख की लागत से 42 कैदी वाहनों की भी खरीद की जाएगी। सभी जिलों को नए कैदी वाहन दिए जाएंगे।
वहीं, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों वाले जिलों के लिए 24 चारपहिया वाहनों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा एसटीएफ के लिए छह डिजिटल वायस लागर भी खरीदा जाएगा।
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