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    Prashant Kishor: इधर वक्फ बिल पर बिहार में घमासान; उधर जनसुराज के एक दावे से मच सकता है सियासी भूचाल

    जन सुराज पार्टी ने एक ऐसा दावा किया जिससे बिहार के शिक्षा विभाग में हड़कंप मच सकता है। पार्टी ने कहा कि बिहार में 3 लाख नहीं बल्कि 268548 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। पार्टी ने इसके बाद जो बाहरी शिक्षक की नियुक्ति को लेकर दावा किया उससे शिक्षा विभाग भड़क भी सकता है। पार्टी ने आरोप लगाया कि डोमिसाइल नीति नहीं होने से बिहार के युवाओं की हकमारी हुई।

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 04 Apr 2025 11:49 AM (IST)
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    प्रशांत किशोर की पार्टी ने शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर किया बड़ा दावा (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: बिहार में वक्फ बिल संशोधन  को लेकर जहां सभी पार्टियों के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है, वहीं अब जन सुराज पार्टी (जसुपा) के एक दावे से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच सकता है। वहीं इस दावे के बाद नीतीश सरकार पर भी सवाल उठ सकते हैं।

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    जनसुराज का दावा- 1.80 लाख शिक्षक बाहर से किए गए नियुक्त

    प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी का दावा है कि बिहार मेंं तीन लाख नहीं, बल्कि 2 लाख 68 हजार 548 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। यह नियुक्ति तीन चरणों मेंं हुई और इनमें  1.80 लाख पदों पर  बाहरी लोग नियुक्त हुए हैं। गुरुवार को प्रेस-वार्ता कर पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमित विक्रम और महेंद्र बैठा ने आरोप लगाया कि डोमिसाइल नीति नहीं होने से बिहार के युवाओं की हकमारी हुई।

    पार्टी मे समझाया कैसे1.80 लाख पदों पर हुई बाहरी शिक्षकों की नियुक्ति

    उन दोनों से सरकार से मांग की कि श्वेत-पत्र जारी कर यह बताया जाए कि बिहार के कितने युवा-युवती शिक्षक नियुक्त किए गए। बीपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर राज्यकर्मी का दर्जा पा चुके पहले से नियोजित शिक्षकों की संख्या लगभग 90 हजार है, जो कि बाहरी हैं। वहीं 90 हजार बाहरी बीपीएससी शिक्षक हैं।

    इस तरह बाहरी शिक्षकों की संख्या लगभग 1.80 लाख हो जाती है। यानी कि बिहार के मात्र 80 से 90 हजार मात्र युवाओं को नौकरी मिली है।

    आवासीय और आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा कर बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के लोग शिक्षक बने हैं। यह संख्या भी लगभग 10 हजार है। औद्योगीकरण पर उन दोनों ने प्रश्न खड़ा किया।

    कहा कि बांका मेंं अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट तो लगा नहीं, बिहार में पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क की स्थापना भी मात्र वादा रह गया। पूरे देश में सात टेक्सटाइल पार्क बने हैं। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह बिहार के ही हैं, लेकिन अपने राज्य में एक टेक्सटाइल पार्क नहीं ला सके।

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