तेजप्रताप ने बनाया लालू-राबड़ी मोर्चा, कहा-सारण हमारी पुश्तैनी सीट, मां लड़ें या मैं लड़ूंगा
राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे आजकल परिवार और पार्टी से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने नया राजनीतिक मोर्चा (लालू-राबड़ी मोर्चा) बनाकर उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की है।
पटना [काजल]। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने 'लालू-राबड़ी मोर्चा' नाम से राजद के अंदर एक नया राजनीतिक मोर्चा बनाने की घोषणा की है। उन्होंने सारण की सीट पर अपने ससुर चंद्रिका राय के राजद के टिकट से चुनाव लड़ने का विरोध किया तथा कहा कि ये हमारी पुश्तैनी सीट है और अगर वहां से उनकी मां राबड़ी देवी चुनाव नहीं लड़ती हैं तो वे खुद निर्दलीय ही अपने ससुर के खिलाफ मैदान में आ जाएंगे।
इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव के लिए तेज प्रताप ने चार सीटों पर अपने उममीदवार खड़ा करने की घोषणा की तथा कहा कि वे कुल 20 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतार सकते हैं। उधर, इस बाबत पूछने पर तेज प्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव ने उन्हें परिवार के अंदरूनी मामले नहीं उछालने की नसीहत दी।
तेज प्रताप के तेवर बागी
बता दें कि तेज प्रताप यादव पार्टी और परिवार से नाराज चल रहे हैं और इस कारण उन्होंने बागी तेवर अपना लिया है। उनकी जिद है कि उनकी पसंद के दो प्रत्याशियों को जहानाबाद व शिवहर से लोकसभा चुनाव के टिकट दिए जाने चाहिए। वे अपनी जिद को लेकर किसी की नहीं सुन रहे हैं। तेज प्रताप ने शिवहर से अंगेश कुमार और जहानाबाद से चंद्र प्रकाश को अपने मोर्चे का उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
सारण सीट से खुद लड़ सकते चुनाव
उन्होंने सारण सीट को अपने पिता लालू प्रसाद यादव की पारंपरिक सीट बताते हुए माता राबड़ी देवी से अनुरोध किया कि वे वहां से चुनाव लड़ें। साथ ही चेतावनी दी कि अगर वे वहां से चुनाव नहीं लड़तीं तो वे खुद निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर जाएंगे। सारण से राजद ने तेज प्रताप के ससुर चंद्रिका राय को उम्मीदवार बनाया है।
जहानाबाद के राजद प्रत्याशी का विरोध
जहानाबाद सीट पर राजद प्रत्याशी सुरेंद्र यादव संबंध में उन्होंने कहा कि वे तीन चुनाव से लगातार हारते आ रहे हैं। उनके खिलाफ जनता में गुस्सा है। जनता नौजवान प्रत्याशी चाहती है, जो चंद्र प्रकाश हैं।
चार प्रत्याशियों की घोषणा
जहानाबाद के अलावा उन्होंने अपने मोर्चे से तीन और उम्मीदवारों की भी घोषणाकी। उन्होंने बेतिया से राजन तिवारी, जहानाबाद से चंद्र प्रकाश यादव, शिवहर से अंगेश सिंह और हाजीपुर से बालेंद्र दास को प्रत्याशी घोषित कर दिया। चारो को मीडिया के सामने पेश किया और साथ देने का एलान भी किया। उन्होंने कहा कि राजद के अन्य प्रत्याशियों को भी परखेंगे। जरूरत पड़ी तो वहां से भी मोर्चा की ओर से अपना उम्मीदवार देंगे।
जरूरत पड़ी तो दे दूंगा इस्तीफा
तेज प्रताप ने कहा कि इस्तीफा देने की जरूरत पड़ी तो भी पीछे नहीं हटेंगे। तेज प्रताप ने दावा किया उन्हें कि लालू-राबड़ी का आशीर्वाद मुझे प्राप्त हैऔर वे भी उनके ही लिए काम कर रहे हैं। तेजस्वी भी अलग नहीं हैं।
चाटुकारों से घिरे तेजस्वी
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि तेजस्वी उनके अर्जुन हैं। हालांकि,उन्होंने तेजस्वी को चाटुकारों से घिरा बताया। साथ ही यह भी कहा कि पार्टी में समर्पित पुराने लोगाें की पूछ नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टीमें कुछ लोग तेज प्रताप व तेजस्वी को एक देखना नहीं चाहते।
तेज प्रताप के खिलाफ राजद में गुस्सा
तेज प्रताप के कदमों से पार्टी के भीतर रोष है। राजद नेता शिवानंद तिवारी ने तो खुलकर कह दिया है कि तेज प्रताप की जिद से जगहंसाई हो रही है और इसका असर आने वाले चुनाव पर भी पड़ेगा। एेसे में उन्होंने लालू-राबड़ी से आग्रह किया है कि वे तेज प्रताप को शांत कराएं। इसके बाद राबड़ी देवी ने तेज प्रताप से फोन पर कई बार बात की है, लेकिन तेज प्रताप अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।
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जिद पर अड़े तेज प्रताप
तेज प्रताप ने राजद नेता चंद्रिका रायकी बेटी ऐश्वर्या राय से शादी के कुछ महीने बाद ही तलाक देने की अर्जी कोर्ट में दी, जिसपर सुनवाई चल रही है। अपनी अर्जी में तेज प्रताप ने एेश्वर्या पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनमें से एक यह भी है कि एेश्वर्या ने अपने पिता चंद्रिका राय के लिए सारण सीट के लिए तेज प्रताप पर दबाव बनाया था।
तेज प्रताप के बागी तेवर को देखते हुए एक ओर जहां विपक्ष के लोग उनपर तरह-तरह के तंज कस रहे हैं, वहीं तेज प्रताप अपनी जिद से पीछे हटने वाले नहीं दिख रहे हैं। एेसे में लालू परिवार में बिखराव और तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
तेजस्वी ने तेज प्रताप को दी ये नसीहत
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि यह चुनाव देश व लोकतंत्र बचाने के लिए है। यह लालू प्रसाद यादव को न्याय दिलाने के लिए है। तेज प्रताप यादव को नसीहत देते हुए तेजस्वी ने कहा कि परिवार के अंदरूनी मामलों कोउछालने के लिए यह चुनाव नहीं है।
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