Tejashwi Yadav: उपचुनाव में हार के बाद तेजस्वी ने NDA से कर दी अलग मांग, सदन में नए बिल की चर्चा से सियासत तेज
बिहार में चारों उपचुनाव वाली सीटों पर हार के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अलग मांग कर दी है। उन्होंने कहा है कि बहुजन समाज की आबादी 85 प्रतिशत से ज्यादा है इसलिए सरकार को उन्हें कम से कम 85 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार कमेटी बनाए या फिर 85 प्रतिशत आरक्षण देने का नया बिल लाए।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि आज बहुजन की आबादी 85 प्रतिशत से ज्यादा है। सरकार नया विधेयक लाकर उन्हें कम से कम 85 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दे।
तेजस्वी यादव मंगलवार को बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन के बाहर विपक्ष के प्रदर्शन के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। इससे पहले सदन के बाहर विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन जारी रहा।
नेताओं ने आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने, उद्योगपति गौतम अदाणी की गिरफ्तारी और जीविका दीदियों और समूहों का ऋण माफ करने जैसी मांगों के साथ ही संविधान की मूल भावना को कमजोर किए जाने जैसे मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी शामिल हुए।
बिना संशोधन ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया
प्रदर्शन के बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब प्रदेश में महागठबंधन की सरकार थी तो जाति आधारित गणना कराने के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया गया। जिसमें 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर का आरक्षण भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि हमारे गठबंधन की सरकार में आरक्षण संशोधन को नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भी दिया गया, लेकिन साजिशन भाजपा ने ऐसा नहीं किया। बाद में कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी।
तेजस्वी ने कोर्ट के इस फैसला पर सवाल उठाया कि बिना अध्ययन आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने भी बिना संशोधन ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। तब सवाल नहीं उठे।
85 प्रतिशत आरक्षण देने का नया बिल लाए सरकार- तेजस्वी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमारी मांग है कि आज बहुजन समाज की आबादी 85 प्रतिशत है तो उसे आरक्षण का लाभ मिले। इसके लिए सरकार कमेटी बनाए या फिर 85 प्रतिशत आरक्षण देने का नया बिल लाए। जिसे क्रेडिट लेना हो ले ले, मगर बहुजन समाज को उसका अधिकार मिलना चाहिए हमारी चिंता यही है।
यहां बता दें कि जाति आधारित गणना के बाद राज्य सरकार ने आरक्षण के 50 प्रतिशत दायरे को बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने सरकार के इस विधेयक पर रोक लगा दी है।
आज विपक्ष के नेता संविधान की मूल भावना को कमजोर करने, जीविका दीदियों और समूहों के ऋण को माफ करने और उद्योगपति गौतम अदाणी की गिरफ्तारी जैसी मांगो के साथ विधानसभा की विधायी गतिविधियां प्रारंभ हो इसके पूर्व ही सदन परिसर में पोस्टर और प्लेकार्ड लेकर प्रदर्शन किया।
महागठबंधन के नेताओं की मांग थी कि पिछड़ा, अति पिछड़ा के साथ ही आउट सोर्सिंग से राज्य सरकार की नौकरियों में आए लोगों को 65 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाए।
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