SC के आदेश से तेजस्वी यादव गदगद, विपक्ष को वॉर्निंग देकर बोले- RJD अब लाठी की नहीं लैपटाप वाली पार्टी
राजद नेता तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अपनी जीत बताया। उन्होंने एसआईआर पर आपत्तियां जताईं और धांधली का आरोप लगाया। तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी अब डाटा विश्लेषण में भी सक्षम है। उन्होंने एनडीए नेताओं पर दोहरे ईपिक का आरोप लगाते हुए भाजपा पर वोटों की डकैती का आरोप लगाया और चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए।

राज्य ब्यूरो, पटना। मतदाता-सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश को राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपनी जीत बताई है। गुरुवार को प्रेस-वार्ता कर उन्होंने कहा कि एसआइआर पर हमारी आपत्ति समय, दस्तावेज और अप्रवासन वाले लोगों के नाम को लेकर था।
अब हटाए गए नामों का ब्योरा पब्लिक डोमेन में आने के बाद हम देखेंगे कि कहां गड़बड़ी हुई है। इसी के साथ उन्होंने धांधली, बेईमानी और जबरदस्ती वोट काटे जाने का आरोप लगाया। कहा कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चलेगा।
लोकतंत्र, संविधान और वोट को बचाने की हमारी लड़ाई जारी रहेगी। कौन अधिकारी कहां, कैसे, क्यों और किसके इशारे पर काम कर रहा है, सब संज्ञान में है। हमारी पार्टी अब लाठी की ही नहीं, बल्कि लैपटाप, एआइ और डाटा विश्लेषण का काम बेहतर तरीके से करती है।
पोल खोलकर नंगे पांव वापस भेजेंगे : तेजस्वी
ज्यादा गड़बड़ करेंगे तो पोल खोलकर रहेंगे। आपके कारनामे उजागर करेंगे और नंगे पांव वापस भेजेंगे। इसके साथ उन्होंने एनडीए नेताओं के दोहरे ईपिक का उल्लेख करते हुए भाजपा पर वोटों की डकैती का आरोप लगाया।
कहा कि कहीं और से आया या नहीं, लेकिन गुजरात का घुसपैठिया बिहार में अवश्य आ गया। उनका संकेत भाजपा के संगठन महामंत्री भीखुभाई दलसानिया की ओर था, जो गुजरात से अपना नाम कटाकर बिहार में मतदाता बने हैं।
दो ईपिक
- वीणा देवी : यूटीओ1134543 और जीएसबी1037894
- दिनेश सिंह : आरईएम0933267 और यूटीओ1134527
कितनी गालियां दी गईं मुझे: यादव
तेजस्वी ने कहा कि हमने सर्वप्रथम 27 जून को प्रेस-वार्ता कर एसआइआर की जल्दबाजी, पारदर्शिता, मंशा, खतरा और छुपे एजेंडे पर अपनी आपत्ति जनता के समक्ष रखी। सुप्रीम कोर्ट में शपथ-पत्र में निर्वाचन आयोग ने कहीं भी घुसपैठियों का उल्लेख नहीं किया।
चुनाव आयोग का रवैया कभी सकारात्मक, सूचनात्मक व सहयोगात्मक नहीं रहा। आज सभी नंगे हो गए। कितनी गालियां दी गईं मुझे, फिर भी मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता चुप रहे। एक बार भी साहस करके वे सामने आकर देश के लोगों को एसआइआर पर कुछ नहीं बताए।
प्रेस-वार्ता से पहले तेजस्वी ने अपने एक्स हैंडल पर वैशाली से लोजपा सांसद वीणा देवी और जदयू के विधान पार्षद दिनेश सिंह के पास दो-दो मतदाता पहचान-पत्र (ईपिक) होने का आरोप लगाया। दोनों पति-पत्नी हैं।
तेजस्वी बोले- क्या आयोग स्वीकार करेगा?
लिखा है कि वीणा और दिनेश के दो अलग-अलग जिलों के दो अलग-अलग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में दो अलग-अलग वोट हैं। इनकी दो अलग-अलग उम्र है। क्या उन दोनों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा?
क्या आयोग एसआइआर में की जा रही गड़बड़ियों और गलतियों को स्वीकार करेगा? क्या यह एनडीए को जिताने के लिए की गई धांधली, फर्जीवाड़ा और मिलीभगत नहीं है? इसी के साथ उन्होंने भाजपा का ट्रोल आयोग और केंचुआ आयोग जैसी संज्ञा से चुनाव आयोग पर कटाक्ष किया है।
दो ईपिक नंबर के लगाए आरोप
उल्लेखनीय है कि स्वयं के पास दो ईपिक होने के आरोपों से घिरने के बाद तेजस्वी अब तक उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी और उनके दो देवरों (दिलीप कुमार और मनोज कुमार) पर दोहरे ईपिक का आरोप लगा चुके हैं।
तेजस्वी और सिन्हा का नाम एक जगह से कट गया है, जबकि निर्मला और उनके देवरों के बाद वीणा और दिनेश को नोटिस भेज आयोग ने 16 अगस्त तक स्पष्टीकरण मांगा है।
यह भी पढ़ें- Bihar Politics: 'कांग्रेस विचार करे...', मंत्री जीवेश ने कहा-राहुल गांधी के बिहार आने से NDA को होता है फायदा
यह भी पढ़ें- विजय सिन्हा का चौंकाने वाला बयान, कहा- बंदूक दिखाकर छीनी गई मेरी शादी की अंगूठी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।