Bihar Politics: RJD का आरोप- BJP विधायक ने तेजस्वी को गाली दी, तेजप्रताप बोले- मैं अंदर होता तो...
राजद नेता तेजप्रताप यादव ने भाजपा विधायक जनक सिंह पर तेजस्वी यादव को गाली देने का आरोप लगाते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भाजपा को आरएसएस और गोडसे से जोड़ते हुए गुंडा बताया। तेजप्रताप ने गाली-गलौज को अशोभनीय बताया और चेतावनी दी कि अगर कोई परिवार में घुसेगा तो मारेगा। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है।

राज्य ब्यूरो, पटना। राजद का आरोप है कि भाजपा विधायक जनक सिंह पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को मां-बाप की गाली दी। उस संदर्भ मेंं एक न्यूज पोर्टल ने प्रश्न किया तो परिवार-पार्टी से निष्कासित तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप अपने रौ में आ गए।
एक्स पर प्रसारित हो रहे वीडियो में तेजप्रताप कह रहे कि अंदर हम तो नहीं थे, नहीं तो फिर उनको बुखार छुड़ा देते। सभी का अस्तित्व गिर चुका है। वे भाजपा से हैं, आरएसएस और नाथूराम गोडसे वाले, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की। गुंडे लोग हैं।
उन्होंने कहा कि किस तरह की छवि दिखा रहे। किसी के बाप को गाली दे देते हैं। अगर हम उनके पिता को गाली देंगे तो कैसा लगेगा, अशोभनीय बात है। अगर इस तरह का माहौल नहीं बनना चाहिए। जनता का मुद्दा है, जिसे संगठन ने उठाया है, उस पर गाली-गलौज कर रहे तो क्या होगा। बेकाबू ही होगा न।
तेजप्रताप ने आगे कहा कि अगर घर-परिवार में घुसेगा तो मारेगा ही। राजद वाले तो काला वस्त्र इसलिए पहने हैं न कि सरकार मुद्दा ही नहीं मान रही। उल्टा सरकार ही गुंडागर्दी कर रही। बहरहाल दैनिक जागरण इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं कर रहा।
तेजस्वी ने फिर कहा, चुनाव बहिष्कार भी एक विकल्प, यथाशीघ्र लेंगे जनता से राय
दूसरी ओर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर कहा है कि उनके लिए चुनाव बहिष्कार का भी एक विकल्प है। हालांकि, इसका निर्णय सहयोगी दलों की राय और जनता की सहमति से ही लिया जाएगा।
गुरुवार को विधानसभा के बाहर मीडिया से उन्होंने कहा कि वे यथाशीघ्र जनता के बीच जाकर इसके लिए राय लेंगे। पूछेंगे कि क्या बिहार को ऐसा चुनाव को स्वीकार करना चाहिए, जिसमें सब कुछ अंदरखाने सब कुछ तय हो चुका है या फिर जनादेश को लूटने वालों के विरुद्ध इन्किलाब बुलंद होना चाहिए? मतदाता-सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को तेजस्वी ने नौटंकी बताया।
कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर मतदाता संख्या की ‘राजनीतिक हत्या’ कर रहे हैं। पहले मतदाता सरकार चुनते थे, अब सरकार तय कर रही कि कौन वोट देगा। जब चुनाव मात्र दिखावा हो, जब ईवीएम का खेला तय हो, तो फिर वोट क्यों डाले जाएं? चुनाव आयोग रेफरी नहीं, बल्कि खिलाड़ी बन गया है।
उन्होंने इसे चंडीगढ़ माडल बताया। कहा कि अगर यही बेईमानी चलनी है तो चुनाव आयोग और सरकार को सीधा ‘एक्सटेंशन लेटर’ पकड़ाओ, चुनाव का ड्रामा बंद करो। अब तो खुलकर नंगापन सामने आ गया है, तो अपने आकाओं को बना कर रखो, हम भी हर प्लेटफार्म पर टकराएंगे। आवश्यकता पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।