जमीन के बदले नौकरी का मामला: लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप को मिली जमानत, हेमा यादव को भी राहत
Land For Job Scam Case राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू यादव के बेटे और राजद नेता तेज प्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने उन्हें और उनकी बहन हेमा यादव को जमानत दे दी है। बता दें कि समन मिलने के बाद दोनों ही कोर्ट में पेश हुए थे।

जागरण टीम, नई दिल्ली/पटना। Land For Job Case: भूमि के बदले नौकरी मामले में राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने तेज प्रताप यादव और हेमा यादव जमानत दे दी। कोर्ट ने दोनों को 50 हजार के निजी मुचलके और एक जमानती पर जमानत दे दी।
समन पर दोनों अदालत के समक्ष पेश हुए थे। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, राबड़ी यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी आरोपित हैं और सभी को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
इससे पहले कोर्ट में जमीन के बदले नौकरी मामले की सुनवाई हुई। जिसमे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
लालू, तेज प्रताप समेत बाकी आरोपियों को 11 मार्च को पेश होने को कहा गया था
इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और बाकी आरोपियों को समन भेजकर 11 मार्च को पेश होने को कहा था। इस मामले में सीबीआइ ने लालू प्रसाद यादव समेत 78 लोगों के खिलाफ विस्तृत चार्जशीट दाखिल की थी।
चार्जशीट के अनुसार 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के रूप में कार्यरत रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे की ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से जमीन और संपत्ति ट्रांसफर कराई थी।
सीबीआइ ने वर्ष 2022 को लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच एजेंसी अब तक इस मामले में 30 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति हासिल कर चुकी है। कोर्ट में आगे की सुनवाई के दौरान इस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच संभावित है।
क्या है लैंड फॉर जॉब का मामला?
लैंड फॉर जॉब स्कैम मामला 16 साल पुराना है जब लालू यादव रेल मंत्री थे। जांच एजेंसी का दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी। बता दें कि यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे।
सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक, युवाओं को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर रिक्रूट किया गया था और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया।
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