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    Sugarcane Price: बिहार में गन्ना की कीमत तय, सभी चीनी मिलों तक पहुंची सरकार की नई रेट लिस्ट

    Updated: Wed, 27 Nov 2024 06:00 AM (IST)

    Sugercane Price Fix बिहार सरकार ने चालू पेराई सत्र (2024-25) के लिए गन्ने के मूल्य की घोषणा कर दी है जो प्रति क्विंटल 365 रुपये से 310 रुपये के बीच है। गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसका निर्णय लिया गया। इसी तरह सभी चीनी मिलों तक सरकार की नई रेट लिस्ट पहुंच गई है

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। चालू पेराई सत्र (2024-25) के लिए सरकार ने गन्ने के मूल्य की घोषणा कर दी है। यह मूल्य प्रति क्विंटल 365 रुपये से 310 रुपये के बीच है। गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में इसका निर्णय लिया गया।

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    तीन प्रभेद में मूल्य का निर्धारण हुआ है। चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों को प्रभेद के अनुसार मूल्य का भुगतान होगा। मिलों द्वारा राशि उनके बैंक खाते मेंं भेजी जाएगी। उल्लेखनीय है कि बिहार की अधिसंख्य चीनी मिलें उत्तरी परिक्षेत्र और विशेषकर पश्चिमी चंपारण में अवस्थित हैं।

    चीनी मिलों को अनुदान और प्रोत्साहन राशि आदि सरकार के द्वारा नियमगत तरीके से दी जाती है। किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किया जाता है।

    बैठक में विभागीय सचिव बी. कार्तिकेय धनजी, ईंख आयुक्त अनिल कुमार झा, संयुक्त ईंख आयुक्त जयप्रकाश नारायण सिंह के साथ बिहार सुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव व सदस्य आदि उपस्थित रहे।

    प्रभेद और मूल्य (प्रति क्विंटल)

    • उन्नत : 365 रुपये
    • सामान्य : 345 रुपये
    • निम्न : 310 रुपये

    गन्ना का तौल नहीं होने पर किसानों ने किया विरोध

    उधर, उजियारपुर प्रखंड के अंगारघाट सपहा स्थित हसनपुर चीनी मिल के गन्ना क्रय केन्द्र पर समय से गन्ना का तौल नहीं करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को गन्ना किसानों ने हंगामा के साथ इसका विरोध किया।

    किसानों के विरोध से काफी देर तक तौल कार्य बाधित रहा। किसानों ने क्रय केंद्र पर निजी लोडर को गन्ना लोड का जिम्मा देने से खासे नाराज थे।

    गन्ना किसान उमेश राय, लाल बहादुर राय, विजय राय, सुनील राय, भरत पांडेय, बिहारी राय सहित दर्जनों किसानों ने जम कर चीनी मिल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

    किसानों ने बताया कि तौल के लाएं गन्ना की गाड़ी को पांच पांच दिनों तक निजी लोडर के द्वारा जानबूझ कर लाइन में खड़ा रखा जाता है। किसान उमेश राय ने बताया कि इस संबंध में बार बार चीनी मिल अधिकारियों को करने के बावजूद शिकायत को नजरंदाज किया जाता है। समय से गन्ना कट जाने पर रबी फसल का लाभ मिल जाता।

    अंगारघाट के ईख जमादार सिकंदर राय ने बताया कि चीनी मिल में तकनीकी गड़बड़ी के कारण तौल कार्य थोड़ा प्रभावित हुआ था, अब सुचारू रूप से तौल कार्य चलेगा।

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