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    पटना विवि समेत सात विश्वविद्यालयों को मिलेंगे नए कुलपति, अभ्यर्थियों से मांगे आवेदन; राज्यपाल ने भी की टिप्पणी

    Bihar News बिहार में पटना विश्वविद्यालय समेत सात विश्वविद्यालयों में बहुत जल्द नए कुलपतियों की नियुक्ति की जाएगी। राजभवन सचिवालय ने संबंधित विश्वविद्यालयों में कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे थे। अब चयन प्रक्रिया अंतिम दौर में है। इधर राज्यपाल ने चयन प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है।

    By Dina Nath SahaniEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 05 Nov 2023 02:54 PM (IST)
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    पटना विवि समेत सात विश्वविद्यालयों को मिलेंगे नए कुलपति, अभ्यर्थियों से मांगे आवेदन; राज्यपाल ने भी की टिप्पणी

    राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के सात विश्वविद्यालयों में नए कुलपतियों की नियुक्ति यथाशीघ्र होने वाली है। राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने चयन प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है।

    हालांकि, सर्च कमेटियों द्वारा कुलपति पद के योग्य अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उसके बाद राजभवन सचिवालय द्वारा चयनित कुलपतियों के पैनल पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

    इन विश्वविद्यालय में कुलपति के पद रिक्त

    पटना विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, एलएन मिथिला विश्वविद्यालय में कुलपति के पद रिक्त हैं। इन विश्वविद्यालयों में प्रभारी कुलपतियों से काम लिया जा रहा है।

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    कुलपतियों के कार्यकाल के जुड़ी जानकारी

    राजभवन सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक, नये कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। यहां बता दें कि सभी संबंधित सात विश्वविद्यालयों में बीते 20 सितंबर से कुलपतियों के कार्यकाल खत्म होने शुरू हो गये थे।

    राजभवन सचिवालय ने अभ्यर्थियों से मांगे आवेदन

    इससे पहले राजभवन सचिवालय की ओर से संबंधित विश्वविद्यालयों में कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए 2 से 5 अगस्त तक विज्ञापन निकालकर योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे जिसकी अंतिम तिथि 27 अगस्त तक निर्धारित थी।

    हालांकि, ऐसे विश्वविद्यालयों में प्रभारी कुलपतियों द्वारा प्रशासनिक कार्य निष्पादित किए जा रहे हैं। केवल उन्हें विश्वविद्यालय में नीतिगत निर्णय लेने में की स्वतंत्रता नहीं है। इसके लिए राजभवन सचिवालय से आदेश लेना आवश्यक है।

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