Rajiv Pratap Rudy: पत्नी, बेटी, समधी सबने लगाया जोर, मगर नहीं हरा पाए रूडी को; ये है इसकी वजह
सारण सीट पर रूडी का अब तक लालू प्रसाद के परिवार से चार बार मुकाबला हो चुका है। लालू परिवार के तीन सदस्य तमाम कोशिशों के बाद भी रूडी को पराजित नहीं कर पाए लेकिन उन्हें लालू प्रसाद के हाथों पराजय का स्वाद जरूर मिला था। इससे पहले 2019 के चुनाव में लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय रूडी के सामने सारण से राजद उम्मीदवार थे।
राज्य ब्यूरो, पटना। Saran Lok Sabha Chunav Result 2024 सारण संसदीय सीट पर एक बार फिर भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी ने चुनाव जीतकर सीट अपने नाम कर ली। हालांकि, हार-जीत का अंतर बेहद मामूली रहा। रूडी ने इस बार का चुनाव करीब 15 हजार वोटों से जीता। उनका मुकाबला इस सीट पर लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी आचार्य से था।
रोहिणी जो पहली बार चुनाव लड़ने उतरी थी जनता ने उन्हें अपना भरपूर प्यार दिया और उनकी झोली में 458091 के करीब वोट डाले। जबकि प्रतिद्वंद्वी राजीव प्रताप रूडी पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए उनके हिस्से में 461652 वोट दिए।
सारण सीट पर रूडी का अब तक लालू प्रसाद के परिवार से चार बार मुकाबला हो चुका है। लालू परिवार के तीन सदस्य तमाम कोशिशों के बाद भी रूडी को पराजित नहीं कर पाए, लेकिन उन्हें लालू प्रसाद के हाथों पराजय का स्वाद जरूर मिला था।
2019 के चुनाव में क्या हुआ था?
इससे पहले, 2019 के चुनाव में लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय रूडी के सामने सारण से राजद उम्मीदवार थे। जिन्हें रूडी ने 1.38 लाख से अधिक वोटों से पराजित किया था। इसके पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को राजीव प्रताप रूडी से मुकाबले के लिए मैदान में उतारा था।
उस चुनाव में रूडी को 3.55 लाख से अधिक वोट आए थे जबकि राबड़ी देवी को 3.14 लाख वोट मिले थे। रूडी ने राबड़ी देवी को करीब 41 हजार वोटों से पराजित किया। हालांकि सारण संसदीय सीट पर राजीव प्रताप बनाम लालू प्रसाद भी चुनाव हो चुका है। उस चुनाव लालू के सामने राजीव प्रताप रूडी की पराजय हुई थी।
2009 के लोकसभा चुनाव में क्या हुआ?
2009 के लोकसभा चुनाव में सारण संसदीय सीट पर लालू प्रसाद राजद उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में थे। जिनका मुकाबला भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी से हुआ। उस चुनाव लालू प्रसाद को सारण की जनता ने 274209 वोट दिए तो रूडी को मिले थे 222394 वोट।
लालू प्रसाद ने उस चुनाव रूडी को करीब 52 हजार वोटों से पराजित किया था। 2009 के चुनाव में जीत के बाद लालू प्रसाद सारण में एक जीत को तरस गए लेकिन, उनके हाथ खाली रहे। इस बार उन्होंने रोहिणी आचार्य को मुकाबले के उतारा था, लेकिन वे भी लालू प्रसाद के सपने को साकार नहीं कर पाई।
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