एचओजी सिस्टम से चलने लगी संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस
दानापुर रेल मंडल की ओर से पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर दिया जाने लगा है।
पटना। दानापुर रेल मंडल की ओर से पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर दिया जाने लगा है। मंडल रेल प्रबंधक रंजन प्रकाश ठाकुर के निर्देश पर एलएचबी रैक से चलने वाली ट्रेनों में धुंआ उगलने वाले डीजल जेनरेटर सेट को बारी-बारी से हटाया जा रहा है। इसकी बजाय एलएचबी रैक को सीधे ओवर हेड वायर से कनेक्ट कर एचओजी सिस्टम से पंखे, एसी और बल्ब जैसे उपकरणो के लिए बिजली आपूर्ति शुरू की गई है। अब तक इस सिस्टम से केवल राजधानी एक्सप्रेस ही चलाई जा रही थी। रविवार से संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के डीजल जेनरेटर को बंद कर सीधे ओवर हेड वायर से बिजली ली जाने लगी है। इससे हर रोज करीब 3000 लीटर डीजल की बचत होगी। अबतक इस ट्रेन में अभी 750 किलोवाट का दो-दो जेनरेटर लगाए जा रहे थे, जिससे तीन फेज की बिजली की आपूर्ति होती थी। ट्रेन का एसी व पंखा इसी से चलता है। ऊर्जा संरक्षण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में रेलवे की यह अनूठी पहल होगी।
राजेन्द्र नगर टर्मिनल से नई दिल्ली तक जाने वाली 12309-10 राजधानी एक्सप्रेस में यह सिस्टम पहले से ही लग चुका है। इससे रेलवे को प्रतिदिन 3000 लीटर डीजल की बचत हो रही है। वहीं यात्रियों के लिए एक अतिरिक्त कोच भी बढ़ गया, जिससे रेलवे को सालाना 20 करोड़ की आमदनी भी हो रही है। बारी-बारी से यह सिस्टम सभी ट्रेनों में लागू होना है। क्या है एचओजी सिस्टम?
1970 के दशक में विश्व के कई देशों ने एड ऑन जेनरेशन सिस्टम के बजाय हेड ऑन जेनरेशन सिस्टम से रनिंग ट्रेनों में बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। इस सिस्टम के तहत बिजली आपूर्ति जनरेटर कार से न होकर ओवर हेड वायर से किया जाता है। पूरी एसी ट्रेन में 1000 किलो वाट पावर की जरुरत होती है। इस सिस्टम के तहत 500 किलो वाट के दो इनवर्टर को सिंगल फेज से थ्री फेज में कनेक्ट कर दिया जाता है। यह इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के माध्यम से कनेक्ट होता है। 2007 में ही तत्कालीन रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने सभी जोन व मंडलों को अपने क्षेत्र से खुलने वाली ट्रेनों को हेड ऑन जेनरेशन सिस्टम से चलाने का निर्देश दिया था। 2018 में पटना राजधानी एक्सप्रेस में इस सिस्टम की पहली बार शुरुआत की गई।