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    कुशवाहा की पार्टी RLM में नहीं होगी टूट! ल‍िट्टी पार्टी छोड़ने वाले व‍िधायकों ने क्‍या द‍िया स‍िग्‍नल

    By Sunil Raj Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sun, 28 Dec 2025 07:00 PM (IST)

    राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) में टूट की अटकलों पर विराम लग गया है। उपेंद्र कुशवाहा की लिट्टी पार्टी में अनुपस्थित रहे विधायकों ने स्पष्ट किया कि वे भाजप ...और पढ़ें

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    राष्‍ट्रीय लोक मोर्चा के तीन विधायकों की इसी तस्‍वीर से मचा था घमासान। एक्‍स

    राज्य ब्यूरो, पटना। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) में टूट को लेकर लगातार हो रही चर्चा पर अंतत: विराम लग गया है। तीन दिनों पहले टूट की चर्चाओं ने उस वक्त जो पकड़ लिया था जब रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा द्वारा दी गई लिट्टी पार्टी में उनके तीन विधायक नहीं पहुंचे।

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    ये तीनों विधायक उस दिन दिल्ली में भाजपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन से मिलने को दिल्ली में थे। 

    परंतु अब ऐसी चर्चाओं पर विराम लगता दिख रहा है। बाजपट्टी से विधायक रामेश्वर महतो ने साफ तौर पर पार्टी में किसी भी तरह की टूट से इनकार किया है।

    महतो ने कहा कि वे पार्टी के कुछ निर्णयों से नाराज जरूर हैं, लेकिन पार्टी में टूट या विधायकों के इस्तीफे की बातें पूरी तरह बेबुनियाद और अफवाह हैं।

    उन्होंने स्पष्ट किया कि वे राष्ट्रीय लोक मोर्चा में पूरी तरह बने हुए हैं और भविष्य में भी पार्टी छोडऩे का कोई सवाल नहीं है। कमोबेश ऐसा ही दावा मधुबनी से रालोमो विधायक और उपेंद्र कुशवाहा के करीब माधव आनंद भी किया है। 

    श‍िष्‍टाचार मुलाकात के लिए गए थे द‍िल्‍ली 

    दोनों नेताओं ने लिट्टी पार्टी में अनुपस्थित रहने को लेकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि भाजपा के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन उनके पुराने संबंध हैं।

    तीनों विधायक उनसे शिष्टाचार मुलाकात के लिए दिल्ली गए थे। संयोगवश उसी दिन पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने लिट्टी पार्टी का आयोजन किया था।

    लिहाजा वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। जिसे गलत तरीके से पार्टी में टूट से जोड़ दिया गया। नेताओं ने यह जरूर कहा कि पार्टी प्रमुख के कुछ फैसलों पर सवाल उठाए गए हैं और संगठन के भीतर इस पर चर्चा होगी।

    गौरतलब है कि हाल के दिनों में उपेंद्र कुशवाहा पर पार्टी में परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं। लिट्टी पार्टी से विधायकों की गैरहाजिरी के बाद इन आरोपों और चर्चाओं को और बल मिला था।