बिहार चुनाव से पहले RJD ने संगठन में किए बड़े बदलाव, जाति समीकरण को साधने की कोशिश; इन्हें दी गई जगह
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की घोषणा की जिसमें राबड़ी देवी को फिर से उपाध्यक्ष बनाया गया है। समिति में अनुभव और वफादारी को प्राथमिकता दी गई है और सामाजिक समीकरणों को साधने का प्रयास किया गया है। यादव और मुसलमान वोट बैंक के साथ महिलाओं और अति-पिछड़ा वर्ग का भी ध्यान रखा गया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। अपने कोर वोट बैंक का ख्याल रखते हुए सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शनिवार को राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की घोषणा कर दी।
समिति में पांच महिलाओं सहित कुल 28 लोगों को स्थान मिला है, जिनमें अधिसंख्य बिहार के और पुराने चेहरे हैं। दायित्व के निर्धारण में अनुभव और दक्षता के साथ लालू परिवार के प्रति समर्पण और वफादारी को वरीयता मिली है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री राबड़ी देवी फिर उपाध्यक्ष बनाई गई हैं। यही दायित्व निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को पहली बार मिला है, जो स्वास्थ्य-गत कारणों से एक बार फिर पार्टी की बिहार इकाई का कमान संभालने से मना कर चुके थे।
राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका दिए जाने का आग्रह करके तेजस्वी यादव ने इसका पहले ही संकेत कर दिया था। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रखे गए हैं। चौथे उपाध्यक्ष पूर्व सांसद महबूब अली कैंसर हैं, जो पहली बार इस भूमिका में आए हैं।
अब्दुल बारी सिद्दीकी बने प्रधान महासचिव
बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी एक बार फिर प्रधान महासचिव बनाए गए हैं और विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह को दोबारा कोषाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है। संगठन पर गहरी पकड़ रखने वाले सिद्दीकी पार्टी से लेकर सरकार तक की हर भूमिका में सुप्रीमो के पैमाने पर खरे रहे हैं।
वे लंबे समय से पार्टी के लिए रणनीति बनाते आ रहे। लालू परिवार से सुनील की इस कदर निकटता है कि राबड़ी उन्हें मुंहबोला भाई बताती हैं। राजद को साधन-संपन्न बनाने में उनका अब तक का योगदान सराहनीय माना जाता है। इनके साथ 12 महासचिव और 10 सचिव बनाए गए हैं।
कई दलों का भ्रमण कर आई पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा भी राष्ट्रीय महासचिव बनाई गई हैं। पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल, मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव और प्रवक्ता चित्तरंजन यादव ने सभी पदधारकों को बधाई दी है।
सामाजिक समीकरण का ध्यान
विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत सामाजिक समीकरण को साधने का भरसक प्रयास किया है। कोर वोट बैंक (यादव और मुसलमान) के साथ महिलाओं और अति-पिछड़ा वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। सवर्णों को भी संतुष्ट करने का भरसक प्रयास हुआ है।
राजद में दूसरा महत्वपूर्ण परिवार
राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति से पहले लालू ने विभिन्न प्रकोष्ठाें के अध्यक्षों को मनोनीत किया था। जगदानंद के पुत्र सुधाकर सिंह को किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व मिला है। राजद में लालू परिवार के बाद यह दूसरा परिवार है, जिसे संगठन में दो महत्वपूर्ण पद मिले हैं।
कार्यकारिणी में दो दंपती
राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मात्र दो चेहरे (रेणु कुशवाहा और विजय वर्मा) नए हैं। वे पति-पत्नी हैं। लालू व राबड़ी के बाद इस सूची में ये दूसरा दंपती है। बाकी पुराने लोगों की ही स्थान मिला है। उम्र व स्वास्थ्य के कारण उपाध्यक्ष रहे शिवानंद तिवारी को विश्राम दे दिया गया है।
बिहार से बाहर के चार
28 पदाधिकारियों वाली इस समिति में मात्र चार चेहरे बिहार से बाहर के हैं। उनमें महासचिव बनाई गई अनु चाको केरल और डा. नीललोहित दास पूर्वोत्तर से हैं। झारखंड के अभय सिंह और दिल्ली के संतोष कुमार जायसवाल को क्रमश: महासचिव और सचिव का पद मिला है।
- उपाध्यक्ष : राबड़ी देवी, जगदानंद सिंह, महबूब अली कैसर, उदय नारायण चौधरी
- प्रधान महासचिव : अब्दुल बारी सिद्दीकी
- कोषाध्यक्ष : सुनील कुमार सिंह
- महासचिव : जय प्रकाश नारायण यादव, डा. नीललोहितदास, भोला यादव, ललित कुमार यादव, कुमार सर्वजीत, सैय्यद फैसल अली, अभय सिंह, सुखदेव पासवान, सुशीला मोराले, अनु चाको, अलख निरंजन उर्फ बीनू यादव, रेणु कुशवाहा
- सचिव : यदुवंश कुमार यादव, लाल रत्नाकर, भारत भूषण मंडल, कार्तिकेय कुमार सिंह, विजय वर्मा, संतोष कुमार जायसवाल, संजय ठाकुर, राजेंद्र राम, स्वीटी सीमा हेंब्रम, सुरेंद्र राम
यह भी पढ़ें-
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।