Bettiah Raj: बेतिया राज के असली भूमि मालिकों के लिए खुशखबरी, राजस्व मंत्री ने दिया राहत देने वाला संदेश
Bettiah Raj Property बेतिया राज की भूमि को लेकर राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने एक राहत देने वाला आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बेतिया राज की भूमि और दूसरी संपत्ति सरकार के अधिकार-क्षेत्र में है लेकिन उस भूमि पर वैधानिक अधिकार रखने वाले लोगों को चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है। गुरुवार को विधान परिषद में मंत्री संजय सरावगी ने इसको लेकर चर्चा की।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधान परिषद में एक बार फिर से बेतिया राज की जमीन का मुद्दा उठा। इस मुद्दे पर गुरुवार को विधान परिषद में भूमि सुधार व राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने जमीन मालिकों को राहत देने वाली घोषणा की है।
राजस्व मंत्री ने विधान परिषद में कहा कि बेतिया राज की भूमि और दूसरी संपत्ति सरकार के अधिकार-क्षेत्र में है, लेकिन उस भूमि पर वैधानिक अधिकार रखने वाले लोगों को चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है। सरकार उनके हितों का पूरा ध्यान रखेगी।
महेश्वर सिंह और पांच अन्य सदस्यों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर उत्तर देते हुए राजस्व मंत्री सरावगी ने बताया कि निर्धारित मानकों को पूरा करते हुए जिन लोगों का बेतिया राज की भूमि पर कब्जा है, वह बरकरार रहेगा।
सरकार बनाने जा रही नियम
सरकार विस्तृत नियम बनाने जा रही है। उसमें शिकायत के निवारण का प्रविधान भी होगा। कोई व्यक्ति सरकारी आदेश से प्रभावित है तो प्रविधान के अंतर्गत शिकायत कर सकेगा।
महेश्वर सिंह आदि चाहते थे कि सरकार भूमि पर कब्जानशीं सभी लोगोंं के हितों के संरक्षण की घोषणा कर दे। हस्तक्षेप करते हुए सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि इस विषय पर बाद में मंत्री के साथ मिल-बैठकर सदस्य विस्तार से चर्चा कर लेंगे।
सभापति ने भरी हामी
सदन ने सभापति से आग्रह किया कि उन्हीं के नेतृत्व में विचार-विमर्श हो जाए। सभापति ने इसके लिए हामी भर दी। इससे पहले सदन को सरावगी यह बता चुके थे कि बेतिया राज की महारानी जानकी कुंअर को अंग्रेजों ने 01 अप्रैल, 1897 को अयोग्य घोषित कर दिया था।
हालांकि, सरकार के पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं कि उन्हें कर्ज नहीं चुकाने के कारण अयोग्य घोषित किया गया था। वैसे ही उनके द्वारा एक लाख एकड़ भूमि अंग्रेजों को हस्तांतरित करने का भी कोई प्रमाण नहीं।
अलबत्ता 15253 एकड़ भूमि कोर्ट आन रिकार्ड में है। बेतिया राज की 70 कोठियां थीं, इसे पुष्ट करने का कोई साक्ष्य नहीं है। महेश्वर सिंह का कहना था कि बेतिया राज की एक लाख एकड़ भूमि पर किसानों का कब्जा है। दाखिल-खारिज के साथ मालगुजारी की वसूली नहीं हो रही।
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