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    Waqf Bill: मुसलमानों के आदर्श क्या वोटों की दलाली करने वाले होंगे? आखिर लोकसभा में क्यों भड़के रविशंकर प्रसाद

    Updated: Thu, 03 Apr 2025 11:09 AM (IST)

    वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। विपक्ष ने इसका विरोध किया जबकि सत्ता पक्ष ने संविधान और मुस्लिम पिछड़ों और महिलाओं के हितों का हवाला दिया। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संविधान की धारा 15 महिलाओं के साथ भेदभाव को रोकती है और सरकार महिलाओं के विकास के लिए कानून बना सकती है।

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    वक्फ बिल संशोधन पर बोलते रविशंकर प्रसाद (जागरण)

    जागरण टीम, नई दिल्ली/पटना। Waqf amendment bill: वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में दोनों ओर से जमकर तर्क बाण चले। विपक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया तो सत्ता पक्ष की ओर से संविधान का हवाला और मुस्लिम पिछड़ों और महिलाओं की भलाई का हवाला दिया गया।

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    भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई द्वारा उठाए गए बिंदुओं का उल्लेख करते हुए स्पष्ट करना चाहा कि संविधान के मौलिक अधिकार में धारा 15 है, जिसमें लिखा है कि महिलाओं के साथ कोई भी भेद नहीं होगा और सरकार महिलाओं के विकास के लिए कोई भी कानून बना सकती है।

    यदि यह वक्फ बिल खवातीनों के लिए, वक्फ में उनकी भूमिका के लिए लाया जा रहा है तो असंवैधानिक कैसे हो गया? वहीं, संविधान की धारा 15 में यह भी लिखा हुआ है कि सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के विकास के लिए सरकार कार्यवाही कर सकती है।

    पिछड़े मुसलमानों को अभी वक्फ के मैनेजमेंट में अवसर नहीं मिलता। संशोधन बिल में इसका प्रविधान किया जा रहा है कि पिछड़े मुसलमानों को भी वक्फ में जगह दी जाएगी तो इसमें विपक्ष को परेशानी क्यों है? सांसद रविशंकर ने तर्क दिया कि वक्फ धार्मिक नहीं, वैधानिक संस्था है। मुतवल्ली को सिर्फ मैनेजर बोलते हैं। यह वक्फ बोर्ड की आठ लाख संपत्तियों के मैनेजर हैं।

    यह संपत्ति लूटी जा रही है तो क्या सरकार खामोश रहेगी? उन्होंने प्रश्न किया कि आठ लाख संपत्तियों में कितने अस्पताल, स्कूल, स्किल सेंटर या अनाथालय बने? विधवा-बेटियों को सिलाई-कढ़ाई सिखाने के लिए क्या व्यवस्था की गई?

    उन्होंने कहा कि देश जितना हिंदुओं का है, उतना ही मुस्लिमों का है, लेकिन मुस्लिमों के आदर्श क्या वोटों की दलाली करने वाले होंगे? हमें लगा था कि वोटों की सौदागरी बंद होगी, लेकिन बंद नहीं हुई। देश बदल रहा है। कांग्रेस कहां थी, कहां आ गई। राजीव गांधी को 400 सीटें मिली थीं, लेकिन शाहबानो केस के बाद आज तक बहुमत नहीं मिला।

    यहां बाबा साहेब का संविधान चलेगा, मुगलिया फरमान से नहीं 

    अनुराग अनुराग ठाकुर ने कहा कि वक्फ को बदलने का वक्त आ गया है, क्योंकि यह अत्याचार और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। भारत को वक्फ के खौफ से आजादी चाहिए। यह हिंदुस्तान है, पाकिस्तान या तालिबान नहीं है। यहां बाबा साहेब का संविधान चलेगा, मुगलिया फरमान नहीं चलने वाला।

    उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के लिए संपत्तियों का प्रबंधन करना था, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने इस भूमि को वोटबैंक का एटीएम बनाकर रख दिया। अपने तेवर और तीखे करते हुए अनुराग ने आरोप लगाया कि 1947 का विभाजन देश ने देखा, जो कि एक परिवार और पार्टी के कारण हुआ।

    आज लैंड जिहाद के नाम पर दूसरा विभाजन नहीं होने देंगे। उन्होंने राहुल गांधी और अखिलेश यादव से पूछा कि क्या मुस्लिम समुदाय में भी भेदभाव या छुआछूत है? फिर कहा कि यह विधेयक कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण नीति का अंतिम संस्कार करने वाला है।

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