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    Bihar Politics: डेढ़ दशक तक लालू यादव के साथ देता रहा यह कद्दावर नेता, अब आखिर किस बात पर बागी हुआ बेटा?

    Updated: Sun, 21 Apr 2024 04:19 PM (IST)

    Bihar Political News in Hindi करीब डेढ़ दशक से लालू यादव के साथ राजनीति में कदमताल मिलाने वाले प्रभुनाथ सिंह के बेटे ने बागी तेवर अपना लिए हैं। कभी महाराजगंज सीट पर प्रभुनाथ परिवार राजद की पहचान रहा था लेकिन लालू-तेजस्वी ने अब इस सीट को कांग्रेस को सौंप दी है। लालू-तेजस्वी के इस कदम से आहत रणधीर सिंह ने बागी तेवर अपना लिए हैं।

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    प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की कही बात। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की महाराजगंज संसदीय सीट पर इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने राजद की बजाय कांग्रेस का उम्मीदवार होगा। राजद ने महाराजगंज सीट इस बार चुनाव कांग्रेस को सौंप दी है।

    2009 में हार के बाद जदयू छोड़कर प्रभुनाथ सिंह राजद में आए थे। अब दोनों परिवारों की अगली पीढ़ी अलग राह पर चलने जा रही है।

    अबतक महाराजगंज में प्रभुनाथ परिवार राजद की पहचान रहा था, लेकिन लालू-तेजस्वी ने इस लोकसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस को देकर अपने रास्ते अलग करने का फैसला कर लिया।

    2019 के लोकसभा चुनाव की तरह इस बार यहां भाजपा और राजद आमने-सामने नहीं होंगे। इस बार यहां भाजपा के सामने कांग्रेस का उम्मीदवार होगा।

    किसे उम्मीदवार बना सकती है कांग्रेस?

    चर्चा है कि कांग्रेस यहां से आकाश सिंह को अपना उम्मीदवार बना सकती है। इन दो नामों के अलावा, निर्दलीय के रूप में यहां से सच्चिदानंद राय के भी मैदान में कूदने की संभावना है।

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    2019 में इस सीट से राजद ने प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में थे। लेकिन चुनाव जीत नहीं पाए। उन्हें सिग्रीवाल ने करीब 2.30 लाख वोट से पराजित किया।

    प्रभुनाथ ने 2004 में पहली बार दर्ज की थी जीत

    महाराजगंज संसदीय सीट से प्रभुनाथ सिंह ने पहली बार 2004 में जदयू के टिकट पर जीत दर्ज की थी। लेकिन 2009 में राजद ने यहां से उमाशंकर सिंह को उम्मीदवारी दी। लेकिन 2013 में हुए उपचुनाव में राजद ने वापस प्रभुनाथ सिंह को मौका दिया और चुनाव जीतने में सफल रहे।

    2014 के चुनाव में यहां से राजद के सामने भाजपा ने जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को उतारा और उनसे प्रभुनाथ सिंह पराजित रहे। 2019 में राजद ने प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह को मैदान में उतारा, लेकिन वे भी सिग्रीवाल को पराजित नहीं कर पाए।

    बागी हुए रणधीर, क्या होगा अगला कदम?

    रणधीर को उम्मीद थी कि 2024 के चुनाव में राजद उन्हें वापस महाराजगंज से किस्मत आजमाने का मौका देगा। लेकिन, राजद ने यह सीट कांग्रेस को दे दी है। जिसके बाद रणधीर ने बागी तेवर अपना लिए हैं।

    उन्होंने एलान कर दिया है कि वे 28 अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और यदि कार्यकर्ताओं की रजामंदी हुई तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरेंगे।

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