Bihar News: मनन कुमार मिश्रा बने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, 7वीं बार रचा इतिहास
Patna News राज्यसभा सांसद मनन कुमार मिश्रा ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के वे सातवीं बार अध्यक्ष चुने गए हैं जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए रविवार को चुनाव होगा। इस बार उनके राज्यसभा सदस्य बनने के बाद विरोधी दलों की सक्रियता और कड़ा मुकाबला होने की अटकलें थीं लेकिन अंततः कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरा।
विधि संवाददाता, पटना। देशभर के 27 लाख वकीलों की प्रतिनिधि संस्था बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर मनन कुमार मिश्रा एक बार फिर निर्विरोध चुन लिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता और राज्यसभा सदस्य मिश्रा ने अपनी प्रभावशाली चुनावी रणनीति, लोकप्रियता और व्यवहारकुशलता के दम पर सभी विरोधियों को पीछे छोड़ दिया।
हालांकि, इस बार उनके राज्यसभा सदस्य बनने के बाद विरोधी दलों की सक्रियता और कड़ा मुकाबला होने की अटकलें थीं, लेकिन अंततः कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरा।
इससे पहले, बिहार राज्य बार काउंसिल चुनाव में लगातार सातवीं बार जीत दर्ज कर मिश्रा तीसरी बार बिहार से बीसीआई के सदस्य निर्वाचित हुए थे। अपनी जीत के बाद उन्होंने वकील समुदाय को मजबूत करने, अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन और अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू कराने का संकल्प दोहराया।
इस बीच तमिलनाडु के एस. प्रभाकरण और दिल्ली के वेद प्रकाश शर्मा उपाध्यक्ष पद की दौड़ में हैं। 17 मई को दिल्ली में वकीलों की महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें अधिवक्ताओं की समस्याओं और कल्याण योजनाओं पर चर्चा होगी।
जिला वकील संघ के अध्यक्ष बनें धुव्र और विजयकांत बने महासचिव
वहीं, दूसरी ओर बेगूसराय में जिला वकील संघ के अध्यक्ष पद पर ध्रुव कुमार महतो और महासचिव पद पर विजयकांत विजयी हुए। शुक्रवार को जिला वकील संघ का द्विवार्षिक चुनाव हुआ था।
मतगणना के बाद देर रात चुनाव परिणाम की घोषणा की गई। मतगणना की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग एवं आयोग की टीम में शामिल सुदर्शन कुमार, प्रभाकर कुमार शर्मा, रंजन कुमार, सर्वदानंद पाठक ने अध्यक्ष पद के लिए ध्रुव कुमार महतो एवं महासचिव पद के लिए विजयकांत झा को विजयी घोषित किया।
चुनाव में कोषाध्यक्ष पद पर अनिल कुमार विजयी घोषित किए गए। उपाध्यक्ष के पद पर राम प्रमोद सिंह निर्वाचित हुए। द्विवार्षिक चुनाव में पदाधिकारियों के साथ-साथ संघ के कार्यकारिणी के भी सात सदस्यों का चुनाव किया गया।
पटना हाईकोर्ट ने डॉ. टी. एन. बनर्जी के ऐतिहासिक बंगले के निबंधन पर लगाई रोक
देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के फिजिशियन रहे प्रख्यात चिकित्सक डॉ. टीएन. बनर्जी के गांधी मैदान स्थित ऐतिहासिक बंगले की बिक्री पर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।
न्यायाधीश शैलेन्द्र सिंह की एकल पीठ ने अर्चना मुखर्जी और चंदना चटर्जी द्वारा दायर प्रथम अपील पर सुनवाई करते हुए पटना की निचली अदालत में चल रहे इजराय मुकदमे पर रोक लगा दी। इस मुकदमे के तहत बंगले का निबंधन मधुमेश चौधरी नामक तथाकथित खरीदार के पक्ष में किया जा रहा था।
अपीलार्थी के वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि खरीदार ने महज 50 रुपये के गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर 2.2 करोड़ रुपये की भारी अग्रिम राशि का करार किया, लेकिन भुगतान का कोई प्रमाण पेश नहीं किया।
संदेहास्पद तरीके से कोलकाता में करार किया गया, जबकि स्टांप पेपर पटना में खरीदा गया। कोर्ट को यह भी बताया गया कि मधुमेश चौधरी ने डॉ. बनर्जी के बेटे और पोतियों को पक्षकार बनाए बिना निचली अदालत से डिक्री हासिल कर ली और अब निबंधन करा रहे हैं। हाई कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगा दी।
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