Bihar: सोमवार को पटना आएंगे राहुल गांधी, कांग्रेस में तेज हुई हलचल; इस कार्यक्रम की तैयारी में जुटे सभी नेता
Bihar Politics राहुल गांधी सोमवार को पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन में बिहार के विभिन्न जिलों से पिछड़े अतिपिछड़ें पसमांदा दलित आदिवासी वर्ग के सामाजिक संगठनों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। राहुल गांधी इन सभी सहमति पत्रों को जनसमूह की मौजूदगी में सौंपेंगे। राहुल के दौरे को लेकर कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है।
राज्य ब्यूरो, पटना। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को एक बार फिर पटना आएंगे। वह श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन के जरिए लोगों से संवाद करेंगे।
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार और संविधान सुरक्षा सम्मेलन के संयोजक डॉ. अनिल जयहिंद ने शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हाल के सालों में देश के अलग अलग हिस्सों में संविधान और सामाजिक न्याय के लिए विपक्ष के नेता राहुल गांधी आंदोलनकारी की भूमिका में हैं।
सामाजिक एवं राजनीतिक परिवर्तन के लिए राहुल गांधी लगातार देश-समाज के वंचित वर्ग से संविधान सुरक्षा सम्मेलनों के जरिए संवाद स्थापित कर रहे हैं।
क्या बोले डॉ. अनिल जयहिंद?
डॉ. अनिल जयहिंद ने कहा कि इस सम्मलेन में बिहार के अलग अलग जिलों से पिछड़े, अतिपिछड़ें, पसमांदा, दलित, आदिवासी वर्ग के सामाजिक संगठनों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले आंदोलन से जुड़े लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
इससे जुड़े संगठनों एवं कार्यकर्ताओं ने आने की अपना सहमति पत्र भी राहुल गांधी के नाम भेजा है। इन सभी सहमति पत्रों को राहुल गांधी को जनसमूह की मौजूदगी में सौंपा जाएगा।
संवाददाता सम्मेलन में बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी सुशील कुमार पासी, पूर्व सांसद अली अनवर , मोती लाल शर्मा, राजेश राठौड़, मंजीत आनंद साहू मौजूद रहें।
भाजपा की राजनीतिक राह पर जदयू, लोजपा और हम : तारिक अनवर
कटिहार से कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने पर जदयू, लोजपा और हम की आलोचना की है।
उन्होंने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि कहते हैं खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है। यह कहावत भाजपा-नीत बिहार गठबंधन पर सटीक बैठती है।
भाजपा की राजनीतिक राह पर चलते हुए जदयू, लोजपा और हम ने न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना की, बल्कि बिहार की गंगा-जमनी तहज़ीब पर भी चोट की है।
बिहार की जनता इस विश्वासघात को कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने बिहार की जनता की ओर से प्रश्न पूछा है कि तीनों दल बताएं कि इन्होंने 1995 में वक्फ अधिनियम का संसद में समर्थन किया था या नहीं।
अगर हां तो फिर इसे आज गलत कैसे ठहरा सकते हैं? क्या यह नया वक्फ कानून बिहार की सांप्रदायिक सद्भावना पर सीधा हमला नहीं है।
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