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    Bihar Politics: JDU के 5 सुझाव, जिनके चलते वक्फ बिल पर बनी केंद्र से बात; नए खुलासे से बिहार में तेज हुई सियासत

    Updated: Sat, 05 Apr 2025 06:38 PM (IST)

    Bihar Politics जदयू ने वक्फ संशोधन बिल को समर्थन देने के पीछे की वजह बताई है। पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार ने बिल में जदयू के सभी सुझावों को मान लिया है। जदयू ने पांच सुझाव दिए थे जिसमें जमीन का मामला राज्य का होना और नया कानून पूर्व की तारीख से प्रभावी नहीं होना जैसे मुद्दे शामिल थे।

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    वक्फ संशोधन बिल में जदयू के सभी सुझावों केंद्र ने माना, इसी वजह से बिल का समर्थन

    राज्य ब्यूरो, पटना। वक्फ संशोधन बिल को संसद व राज्यसभा में समर्थन दिए जाने के बाद विपक्ष का हमला झेल रहे जदयू ने शनिवार को पार्टी प्रदेश कार्यालय में पूरी स्थिति स्पष्ट की।

    जदयू के अल्पसंख्यक नेताओं की मौजूदगी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह कहा गया कि वक्फ संशोधन बिल में जदयू की तरफ से जो सुझाव दिए गए थे उनमें सभी को केंद्र सरकार ने मान लिया। यही वजह रही कि जदयू ने इस बिल का समर्थन किया।

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    जदयू के इन पांच सुझावों को माना गया

    जदयू की प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर जदयू के जिन सुझावों काे माना गया उसमें पहला यह है कि हमने यह कहा था कि जमीन राज्य का मामला है इसलिए नए कानून में भी यह प्राथमिकता बरकरार रहे।

    दूसरा सुझाव यह था कि नया कानून पूर्व की तारीख से प्रभावी नहीं हो। तीसरा यह था कि अगर वक्फ की कोई संपत्ति निबंधित नहीं है लेकिन उस पर कोई धार्मिक भवन मसलन मस्जिद व दरगाह आदि बना हो तो उससे कोई छेड़छाड़ न किया जाए।

    उसके स्टेट्स को बरकरार रखा जाए। चौथा सुझाव यह था कि वक्फ संपत्ति से जुड़े विवादों के निराकरण के लिए जिलाधिकारी से ऊपर के अधिकारी को अधिकृत किया जाए। पांचवां सुझाव यह था कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति के डिजिटाइजेशन के लिए छह माह की समय सीमा को बढ़ाया जाए।

    राजद ने वक्फ संशोधन बिल पर गठित जेपीसी को कोई सुझाव तक नहीं दिया

    जदयू के अल्पसंख्यक नेताओं ने कहा कि जदयू सांसद दिलकेश्वर कामत वक्फ संशोधन बिल के मसले पर गठित जेपीसी के सदस्य थे। यह नोटिस किए जाने की बात है कि राजद ने इस कमेटी को किसी भी तरह का कोई सुझाव नहीं दिया।

    नीतीश कुमार ने बिहार में वक्फ विकास बोर्ड बनाया

    • जदयू ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल आने के काफी पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वक्फ की चिंता की। बिहार में उन्हाेंने वक्फ विकास बोर्ड की स्थापना की। इसके तहत 110 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गयी।
    • इस राशि से अल्पसंख्यक छात्रावास, विवाह भवन, बहुउद्देशीय भवन आदि का निर्माण कराया गया। पटना में अंजुमन इस्लामिया हाल का विकास वक्फ की संपत्ति के विकास की नजीर है।

    जो खफा थे वह भी आए पार्टी के स्टैंड के समर्थन में

    वक्फ संशोधन बिल पर खफा जदयू के कुछ नेता भी पार्टी के स्टैंड के समर्थन में शनिवार को आ गए। इनमें विधान पार्षद गुलाम गौस व पूर्व सांसद अस्फाक करीम शामिल हैं।

    वहीं संवाददाता सम्मेलन में पूर्व राज्यसभा सदस्य कहकशां परवीन, विधान पार्षद आफाक अहमद खान, खालिद अनवर, पूर्व विधान पार्षद सलीम परवेज, सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास, जदयू महासचिव आसमां परवीन तथा जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशरफ अंसारी भी मौजूद थे।

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