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    Prashant Kishor: 'मैं NDA का समर्थन करता अगर...', पीके का बड़ा बयान; नीतीश कुमार का लिया नाम

    Updated: Wed, 18 Dec 2024 06:27 PM (IST)

    प्रशांत किशोर ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि अगर उनके प्रदेशाध्यक्ष को किसी गांव में खड़ा कर दिया जाए तो 10 प्रतिशत लोग भी उन्हें नहीं पहचान पाएंगे। उन्होंने दावा किया कि बिहार में भाजपा की हालत बेहद दयनीय है और उनके पास कोई मजबूत चेहरा नहीं है। पीके ने कहा कि भाजपा ने 43 विधायकों के साथ नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाकर बड़ी रणनीतिक भूल की है।

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    जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो- PTI

    राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एक तरह से खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि अगर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को किसी गांव में खड़ा कर दिया जाए तो 10 प्रतिशत लोग भी उन्हें नहीं पहचान पाएंगे।

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    पीके ने दावा किया कि यह वही भाजपा है, जो दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है, जबकि बिहार में उसकी हालत बेहद दयनीय है। बुधवार को बयान जारी कर पीके ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला।

    '43 विधायकों के साथ नीतीश कुमार को...'

    प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में भाजपा के पास अपना कोई मजबूत चेहरा नहीं है। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ सरकार बनाकर भाजपा स्वयं डूब रही है। आज बिहार में भाजपा के पास कोई स्पष्ट नेतृत्व नहीं है और इसीलिए उन्होंने 43 विधायकों के साथ नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखा है।

    पीके ने इसे भाजपा की बड़ी रणनीतिक भूल बताया और दावा किया कि अगले चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

    'मैं NDA का समर्थन करता अगर...'

    नरेन्द्र मोदी (PM Modi) पर अंगुली उठाते हुए पीके ने कहा कि अगर पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री ने बिहार के विकास व उसकी समस्याओं को लेकर एक भी मीटिंग की होती तो वे अपना पूरा अभियान वापस लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का समर्थन कर देते। बिहार ने जाति-धर्म सब भूलकर मोदी को जिताया, लेकिन मोदी को बिहार की चिंता नहीं है।

    एक देश-एक चुनाव पर बोले BJP के प्रदेश अध्यक्ष

    भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने एक देश-एक चुनाव की अवधारणा को राष्ट्र-हित में अत्यंत आवश्यक बताते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी पहल बताया।

    मंगलवार को बयान जारी कर उन्होंने कहा कि देश में बार-बार चुनाव के कारण विकास की प्रक्रिया बाधित होती है। बार-बार आदर्श आचार संहिता लागू होने से न केवल प्रशासनिक कार्य रुकते हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी प्रभावित होता है। एक देश-एक चुनाव से चुनाव प्रक्रिया में खर्च होने वाले धन और समय का सदुपयोग राष्ट्र निर्माण के कार्यों में किया जा सकता है।

    उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से सरकार और निर्वाचन आयोग पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता है। एक ही समय पर चुनाव होने से आचार संहिता बार-बार लागू नहीं होगी और सरकारें बिना किसी रुकावट के विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगी। प्रशासनिक कार्यों में स्थिरता आएगी।

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