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    जनता से मुलाकात न हो इसलिए बॉडीगार्ड रखते हैं नेता, जान को कोई खतरा नहीं; मुजफ्फरपुर में बोले प्रशांत किशोर

    By Jagran NewsEdited By: Mukul Kumar
    Updated: Mon, 18 Sep 2023 03:46 PM (IST)

    प्रशांत किशोर की पदयात्रा फिलहाल बिहार में मुजफ्फरपुर जिले तक पहुंची है। रविवार को प्रशांत किशोर मोतीपुर प्रखंड में पहुंचे। जहां लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने नेताओं की सुरक्षा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि नेता जनता के सवालों से बचने के लिए सुरक्षाकर्मियों को रखते हैं। इसके अलावा प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन के दौरान पुराने जमाने के राजा की कहानी भी सुनाई।

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    प्रशांत किशोर की पुरानी तस्वीर। फोटो- जागरण

    जागरण डिजिटल डेस्क, पटना। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की जन सुराज (Jan Suraaj) नाम पदयात्रा बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर प्रखंड में पहुंच गई है। यहां प्रशांत किशोर ने रविवार को बड़े पैमाने पर लोगों को संबोधित किया। इसके साथ ही उन्होंने नेताओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए। 

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    पांच सालों तक दिखाई नहीं देते नेता

    लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत ने कहा कि सभी ने यह कहानी सुनी होगी कि पुराने जमाने में जो राजा होते थे, वह भेष बदलकर बाहर निकलते थे ताकि वह यह जान सकें कि प्रजा की हालत कैसी है। उन्होंने आगे कहा कि आज जिसको हम राजा बनाते हैं, वह रात को तो दूर पांच वर्षों तक दिखाई नहीं देते हैं।

    उन्होंने यह भी कहा कि जो नेता जीतने के बाद गलती से अगर चला भी आता है तो ऊंचे मंच पर बैठ जाता है। इसके अलावा, वह इतने सुरक्षाकर्मियों के साथ आता है कि उसे मुलाकात करना आसान नहीं होता है। 

    काम का हिसाब देने से बचते हैं नेता

    प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर नेताओं से पूछा जाए कि आप इतनी सुरक्षा घेरे में क्यों रहते हैं तो वह जान के खतरे का हवाला देते हैं।

    उन्होंने कहा कि असल बात यह है कि वह इसलिए सुरक्षा लेकर चलते हैं क्योंकि जनता से कहीं उनकी मुलाकात न हो जाए, कहीं वह पूछ न दें कि जिस काम के लिए उन्होंने वोट दिया था, वह पूरा हुआ या नहीं?

    यह भी पढ़ें- Prashant Kishor : प्रशांत किशोर बोले- बिहार मजदूरों का सप्लायर बनकर रह गया, ऐसे तो नहीं सुधरेगा भविष्य 

    बता दें कि प्रशांत किशोर पैदल पूरे बिहार की यात्रा पर निकले हैं। उनकी जनसुराज (Jan Suraaj) पदयात्रा लगभग साढ़े 11 महीनों से जारी है। अब तक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) कई जिलों में पहुंच चुके हैं।