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    Bihar Politics: 'कॉरपोरेट लॉबी के लिए नया राजनीतिक मॉडल ला रहे प्रशांत किशोर', JDU का पीके पर तंज

    Updated: Mon, 10 Feb 2025 07:44 PM (IST)

    जन सुराज पार्टी के संरक्षक प्रशांत किशोर कॉरपोरेट लॉबी के लिए एक नया राजनीतिक मॉडल ला रहे हैं। जन सुराज पहली ऐसी राजनीतिक पार्टी है जिसे एक एनजीओ के माध्यम से आर्थिक सहायता मिल रही है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरोप लगाया है कि कॉरपोरेट घराने उसी एनजीओ को चंदा देते हैं और फिर उस धन का उपयोग जन सुराज की राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया जाता है।

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    जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर और बिहार के सीएम नीतीश कुमार। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने कहा है कि जन सुराज के संरक्षक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) कॉरपोरेट लॉबी के लिए नया राजनीतिक मॉडल ला रहे हैं। जन सुराज पहली ऐसी राजनीतिक पार्टी है, जिसे एक एनजीओ के माध्यम से आर्थिक सहायता मिल रही है।

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    उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट घराना से उसी एनजीओ को चंदा मिलता है। फिर उस धन का उपयोग जन सुराज की राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया जाता है।

    'पीके को सबसे पहले जन सुराज को मिलने वाले धन...'

    नीरज कुमार ने सोमवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पीके को सबसे पहले जन सुराज को मिलने वाले धन के बारे में बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि जन सुराज इस लिहाज से भी पहली पार्टी है, जिसके बैनर पोस्टर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम और फोटो नहीं रहता है।

    उन्होंने कहा, रिकॉर्ड में इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष सरत कुमार मिश्र हैं। वे नई दिल्ली में रहते हैं। महासचिव विजय साहू भी दिल्ली में रहते हैं। कोषाध्यक्ष अजीत सिंह सारण जिले के बनियापुर के निवासी हैं। यानी पार्टी के असली चेहरे से जन सुराज के लोग भी परिचित नहीं हैं।

    डोनेशन पर जदयू प्रवक्ता का चौंकाने वाला दावा

    उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में जन सुराज को धन देने वाले एनजीओ को 48 करोड़ से अधिक का चंदा मिला। इसमें अधिक 14 करोड़ रुपये देने वाली हैदराबाद की कंपनी की कुल संपत्ति छह करोड़ के करीब है। चंदा देने वाली अधिसंख्या कंपनियां आंध्र प्रदेश की हैं।

    'ईस्ट इंडिया कंपनी के तौर तरीके...'

    जदयू के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रशांत किशोर ईस्ट इंडिया कंपनी के तौर तरीके से काम कर रहे हैं। वह कारोबार के जरिए राजनीतिक सत्ता हासिल करना चाहते हैं। अगर वह बिहार का भला चाहते हैं तो उन्हें जन सुराज की आय का स्रोत सार्वजनिक करना चाहिए। संवाददाता सम्मेलन में जदयू नेता अजीत पटेल भी उपस्थित थे।

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