Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने अनशन तोड़ने से किया इनकार, अब जनसुराज ने चुना आखिरी रास्ता
जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर अनशन तोड़ने के लिए किसी की बात नहीं मान रहे हैं। जन सुराज ने अब आखिरी रास्ता चुना है। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के प्रदेश उपाध्यक्ष वाईवी गिरी ने बीपीएससी अभ्यर्थियों और सरकार से जल्द से जल्द अनशन तुड़वाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि रकार को चाहिए कि परीक्षा में हुई धांधली की जांच कराए और पीके का अनशन तुड़वाए।
राज्य ब्यूरो, पटना। Prashant Kishor Health Update: जन सुराज पार्टी (जसुपा) के प्रदेश उपाध्यक्ष वाईवी गिरी ने शुक्रवार को प्रेस-वार्ता कर शिक्षा-परीक्षा व रोजी-रोजगार के मुद्दे पर आंदोलन जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। इसी के साथ उन्होंने कहा कि बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में निर्धारित मानकों का अनुपालन नहीं हुआ और धांधली हुई है। अभ्यर्थियों द्वारा दायर रिट याचिका पर पटना हाई कोर्ट 15 जनवरी से सुनवाई करेगा।
सरकार-छात्रों और अभ्यर्थियों से अनशन तुड़वाने की अपील
जसुपा अभ्यर्थियों के इस संघर्ष में पूरी सहायता करेगा, ताकि उन पर आर्थिक बोझ न पड़े। हालांकि, जसुपा के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) का अनशन समाप्त होना चाहिए, क्योंकि बिहार के हित में उनका स्वस्थ और सबल रहना आवश्यक है। शुक्रवार को उनके अनशन के नौ दिन पूरे हो गए। सरकार से संवेदनशीलता की अपेक्षा है।
सरकार को चाहिए कि परीक्षा में हुई धांधली की जांच कराए और पीके का अनशन तुड़वाए। इसी के साथ ही उन्होंने छात्रों-अभ्यर्थियों से भी अपील की कि वे पीके से अनशन तोड़ने का अनुरोध करें।
मस्जिद में प्रशांत किशोर के लिए दुआ
भोजपुर के सहार के गुलजारपुर मस्जिद में जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के स्वास्थ्य के लिए दुआ मांगी गई। शुक्रवार को प्रशांत किशोर के बिगड़े स्वास्थ्य के ठीक होने के लिए गुलजारपुर के मस्जिद में सरपंच रौशन खातुन के नेतृत्व में जनसुराज पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ- साथ आमजनों ने मस्जिद में प्रार्थना की।
बीपीएससी परीक्षा दोबारा करवाने को पटना हाईकोर्ट 15 जनवरी को करेगा सुनवाई
बीपीएससी परीक्षा कराने को लेकर दायर याचिका पर पटना हाईकोर्ट 15 जनवरी को सुनवाई करेगा। इस याचिका की सुनवाई न्यायाधीश अरविंद सिंह चंदेल की पीठ करेगी। इस बीच जन सुराज पार्टी (जसुपा) द्वारा दायर याचिका भी सुनवाई के लिए स्वीकृत कर ली गई है।
पप्पू कुमार एवं अन्य द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है और अनियमितताएं बरती गई हैं। बीपीएससी ने 23 सितंबर, 2024 को 70वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा के लिए विज्ञापन निकाला था और 13 दिसंबर, 2024 को राज्य के 912 केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन हुआ था।
याचिका में यह भी कहा गया है कि काफी अभ्यर्थियों को प्रश्न-पत्र ही उपलब्ध नहीं कराए गए। पेपर-लीक की बात सामने आने से आम लोगों और छात्रों के विश्वास को गहरा धक्का लगा है।
याचिका द्वारा मांग की गई है कि प्रारंभिक परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के दृष्टिगत 13 दिसंबर, 2024 और पुनः 04 जनवरी, 2025 को ली गई प्रारंभिक परीक्षा को पूर्णरूप से रद किया जाए एवं उनके परिणाम घोषित नहीं किए जाएं।
बगैर किसी गड़बड़ी के इस परीक्षा का पुनः आयोजन हो।उल्लेखनीय है कि इससे पहले यह मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने से इन्कार करते हुए कहा था कि मामले को प्रथम दृष्ट्या सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष नहीं लाया जा सकता। याचिकाकर्ता को पहले पटना हाई कोर्ट के समक्ष यह मुद्दा उठाना चाहिए।
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