Prashant Kishor: अब गांधी मैदान नहीं इस जगह होगा प्रशांत किशोर का प्रदर्शन, इन शर्तों को पूरा करना जरूरी
जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बीपीएससी के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए पटना के एलसीटी घाट पर अनुमति प्राप्त की है अब गांधी मैदान में यह प्रदर्शन नहीं होगा। यह अनुमति 14 फरवरी तक के लिए दी गई है। जनसुराज कार्यकर्ताओं के ठहरने एवं प्रशिक्षण के लिए अस्थायी शिविर की सशर्त अनुमति सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने दी है।
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Political News Hindi: जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बीपीएससी के मुद्दे को फिलहाल छोड़ने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने प्रशासन से विरोध प्रदर्शन करने के लिए जगह मांग ही ली। लेकिन इस बार यह गांधी मैदान में नहीं होगा बल्कि पटना के एलसीटी घाट पर अनुमति मिली है।
14 फरवरी तक के लिए अनुमति
एलसीटी घाट के पास खाली जमीन पर जनसुराज कार्यकर्ताओं के ठहरने एवं प्रशिक्षण के लिए अस्थायी शिविर की सशर्त अनुमति सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने दी है। यह अनुमति 14 फरवरी तक के लिए दी गई है। इस संबंध में जारी आदेश में सदर एसडीओ ने कहा कि जनसुराज के अध्यक्ष मनोज कुमार भारती ने एलसीटी घाट मैनपुरा के निकट अस्थायी शिविर की अनुमति मांगी थी।
सीओ एवं पाटलिपुत्र थानेदार से जांच प्रतिवेदन मांगा गया
उस आलोक में सदर सीओ एवं पाटलिपुत्र थानेदार से जांच प्रतिवेदन मांगा गया। सीओ व थानेदार ने प्राप्त रिपोर्ट के आलोक में अस्थायी शिविर संचालन के लिए शर्तों के साथ अनुमति प्रदान की गई है। बताया गया है कि उक्त भूमि असर्वेक्षित सरकारी है। शिविर के लिए निर्धारित किराया का भुगतान करना होगा।
वाहन पार्किंग की व्यवस्था स्वयं करनी होगी
आयोजन के दौरान वाहन पार्किंग की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। जेपी गंगा पथ पर वाहन पार्क नहीं होंगे। उनके कारण जेपी गंगा पथ पर यातायात भी बाधित नहीं होना चाहिए। स्वच्छता, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था भी आयोजक को करनी होगी। एक सप्ताह पूर्व की नोटिस पर उक्त स्थल को खाली करना होगा।
प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से किया गया था अरेस्ट
बता दें कि जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से अनशन के दौरान अरेस्ट किया गया था। इस दौरान जमकर बवाल हुआ था। प्रशांत किशोर ने शर्तों के साथ बेल लेने से इनकार कर दिया था जिसके बाद शर्तें हटाई गईं।
इसके बाद प्रशांत किशोर ने घर से ही अनशन शुरू कर दिया लेकिन फिर तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल में भर्ती कराए गए। अस्पताल में उनसे अनशन तोड़ने की अपील की गई लेकिन उन्होंने अनशन तोड़ने से इनकार कर दिया।
अब अनशन के लिए नई जगह मिलने से बिहार की राजनीति एक बार फिर से गरमा सकती है। प्रशांत किशोर लगातार बिहार के छात्रों से प्रदर्शन में जुड़ने की अपील कर रहे हैं। हालांकि, अब देखने वाली बात होगी कि चुनाव में इसका कितना असर दिखता है।
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