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    PM Surya Ghar Yojana: सूर्य घर योजना में पीछे चल रहा बिहार, सिर्फ 3767 घरों पर लगा सोलर पैनल

    पीएम सूर्य घर योजना में बिहार काफी पीछे है। 27 जनवरी तक केवल 3767 घरों में सोलर पैनल लगाए गए हैं। गुजरात 3.5 लाख से अधिक घरों के साथ शीर्ष पर है जबकि महाराष्ट्र लगभग 2 लाख घरों के साथ दूसरे स्थान पर है। केंद्र सरकार योजना के अनुदान मद में 75000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है।

    By Arun Ashesh Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 04 Feb 2025 05:10 PM (IST)
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    सूर्य घर योजना में पीछे चल रहा बिहार, सिर्फ 3767 घरों पर लगा सोलर पैनल

    राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Yojana) में बिहार बहुत पीछे चल रहा है। मंगलवार को राज्यसभा में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने बताया कि इस साल 27 जनवरी तक बिहार के केवल 3767 घरों में इस योजना के तहत छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं।

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    वे राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा के अतारांकित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। अब तक देश के करीब साढ़े आठ लाख घरों को इस योजना का लाभ मिला है। 2027 तक एक करोड़ घरों को इससे जोड़ने का लक्ष्य है। शीर्ष पर गुजरात है, जहां के साढ़े तीन लाख घरों में इसे लगाया गया है। करीब दो लाख के साथ महाराष्ट्र दूसरे नम्बर पर है।

    75 हजार करोड़ से अधिक खर्च कर रही सरकार

    योजना के अनुदान मद में केंद्र सरकार 75 हजार करोड़ से अधिक खर्च कर रही है। बिहार के अलावा छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड एवं ओडीसा भी इस योजना में पिछड़े हुए राज्य हैं। झारखंड में तो केवल डेढ़ सौ घरों को अबतक योजनाका लाभ मिल पाया है।

    उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कुशवाहा के ही एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि फसलों की खरीद के लिए समर्थन मूल्य के मद में वित्तीय वर्ष 23-24 में करीब साढ़े छह हजार करोड़ दिया। उस वित्तीय वर्ष में पूरे देश के लिए एक सोै 40 करोड़ रुपये दिए गए थे।

    कृषि फीडर सोलराइजेशन योजना को किसानों का व्यापक समर्थन

    कृषि फीडर सोलराइजेशन योजना को किसानों का व्यापक समर्थन मिला है। इस योजना के तहत किसान अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं या किराए पर देकर आय अर्जित कर सकते हैं। ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने सोमवार को कि इस योजना से किसानों को सस्ती, भरोसेमंद और दिन के समय बिजली मिलेगी, जिससे उनकी सिंचाई लागत घटेगी। कृषि उत्पादन बढ़ेगा।

    यह योजना किसानों को अपनी भूमि पर सोलर प्लांट लगाकर अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर भी देती है। पर्यावरण के लिहाज से यह पहल जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद करेगी।

    उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड 3681 कृषि/मिश्रित फीडरों को सोलराइज कर रही है। इस उद्देश्य से छह विद्युत उपकेंद्रों पर 17.68 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए बिजली खरीद समझौता किया जा चुका है। दूसरे चरण के लिए 1121 विद्युत उपकेंद्रों पर सोलराइजेशन के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं, जिसमें 113 निविदाकर्ताओं ने भाग लिया।

    पाल ने बताया कि सौर परियोजना के अंतर्गत एक मेगावाट सोलर प्लांट लगाने के लिए लगभग 4 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है। इस योजना के अंतर्गत सरकार की ओर से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 1.05 करोड़ और बिहार सरकार की ओर से 45 लाख प्रति मेगावाट का अनुदान दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, बैंकों द्वारा किसानों को ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

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