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    Patna Zoo: पटना आइए; आपको जू घुमाएं... 51 साल पहले आया था पहला बाघ, अब बढ़ती जा रही 'फैमिली'

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 02:26 PM (IST)

    पटना चिड़ियाघर वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है जहां वर्तमान में छह बाघ हैं। पहला बाघ मोती 1975 में दिल्ली से लाया गया था। स्वर्णा के आने के बाद चिड़ियाघर को पहला सफेद बाघ मिला। नकुल और संगीता ने हाल ही में चार शावकों को जन्म दिया। बता दें कि इस चिड़ियाघर ने दूसरे चिड़ियाघरों को 10 बाघ भी दिए हैं।

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    पटना जू में विचरण करता सफेद बाघ केसरी। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना। Patna Zoo: संजय गांधी जैविक उद्यान जिसे पटना चिड़ियाघर के नाम से जाना जाता है। राजधानी का गौरव होने के साथ वन्य जीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। चिड़ियाघर में बाघों की मौजूदगी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती रहती है।

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    वर्तमान में पटना जू में बाघों की संख्या छह है। जिसमें तीन नर बाघ (नकुल, विक्रम, केसरी) एवं तीन मादा बाघ (संगीता, भवानी, रानी) हैं।

    इसमें केसरी एवं भवानी सफेद बाघ हैं। पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल ने बताया कि पटना जू में सर्वप्रथम 12 अक्टूबर 1975 को दिल्ली जू से मोती नामक बाघ को लाया गया था।

    उसके उपरांत 25 सितंबर 1980 को असम से फौजी एवं बुल्बोरानी नामक दो बाघिन को पटना जू में लाया गया था।

    एक जनवरी, 1983 को पटना जू में मोती एवं बुल्बोरानी से गीता नामक मादा शावक ने सर्वप्रथम जन्म लिया था। 16 जून 1983 में मोती एवं फौजी के तीन शावकों में राकी, मोना एवं जैकी ने जन्म लिया था।

    इसके बाद पटना जू में बाघों के प्रजनन का सिलसिला आरंभ हुआ। बाघों के संरक्षण एवं प्रजनन में मोना-रैकी से चार शावक, सोनू-रैकी से दो शावक, सोनू-जैकी से छह शावक, पेटू-तारा से चार शावक, भीमा-स्वर्णा से 12 शावक तथा नकुल और संगीता से चार शावक ने जन्म लिया।

    पटना जू को मिला पहला सफेद बाघ

    भीमा एवं स्वर्णा को 12 अगस्त 2011 को हैदराबाद जू एवं तिरूपति जू से लाया गया था। स्वर्णा को पटना जू आने के बाद पटना जू को पहला सफेद बाघ मिला।

    भीमा एवं स्वर्णा के 12 शावकों में से आठ सफेद शावक पैदा हुए। इनमें भवानी वर्तमान में पटना जू में लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

    वहीं, स्वर्णा इन दिनों राजगीर जू सफारी में पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। 30 अगस्त 2019 को वेंडालूरु जू से पटना जू में आए नकुल व संगीता ने 25 मई 2022 को चार बच्चों (रानी, बिक्रम, मगध एवं केसरी) को जन्म दिया।

    अदला-बदली के तहत दिए 10 बाघ

    पटना जू ने बीते 50 वर्षों में देश के विभिन्न चिड़ियाघरों को वन्य प्राणी अदला-बदली के तहत 10 बाघ दिए हैं। इसमें रांची जू पांच बाघ, राजगीर जू सफारी तीन बाघ, कोलकाता जू एक बाघ एवं बनेरघट्टा जू एक बाघ शामिल हैं।

    वहीं, बाघों में नए बल्डलाइन को लाने को लेकर दिल्ली जू से दो बाघ, असम जू से दो बाघ, नंदनकानन जू से एक बाघ, हैदराबाद जू से दो बाघ, तिरूपति जू से एक बाघ एवं वेंडालूरु जू से दो बाघ पटना जू में लाए गए। जू में बाघ देखने बड़ी संख्या में लोग आते हैं।

    पटना जू पर एक नजर

    • सबसे पहले दिल्ली से आया था मोती बाघ, छह बाघ आकर्षण के केंद्र।
    • 12 अगस्त 2011 को चिड़ियाघर को मिला था पहला सफेद बाघ।
    • बीते वर्षों में चिड़ियाघर में कई शावकों ने लिया जन्म।
    • 1900 में देश में बाघों की संख्या एक लाख से अधिक थी।
    • 29 जुलाई को प्रतिवर्ष मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day), आयोजित होंगे कार्यक्रम।

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