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    Patna News: 'अस्पताल खुद बीमार...', गर्दनीबाग हॉस्पिटल के डॉक्टर और स्टाफ को सता बिल्डिंग गिरने का डर

    By Nalini Ranjan Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 29 Jul 2025 12:22 PM (IST)

    पटना के गर्दनीबाग अस्पताल की हालत जर्जर हो चुकी है। अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर और कर्मचारी इमारत गिरने के डर से परेशान हैं। बारिश के कारण अस्पताल में पानी भर जाता है जिससे मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को काफी दिक्कत होती है। अस्पताल प्रशासन ने जर्जर भवन की स्थिति के बारे में कई बार उच्च अधिकारियों को सूचित किया है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।

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    पटना के गर्दनीबाग अस्पताल की हालत जर्जर हो चुकी है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। जिले की गर्दनीबाग अस्पताल की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि वहां कार्यरत चिकित्सकों और अस्पतालकर्मियों को अब भवन गिरने का डर सताने लगा है। गर्दनीबाग अस्पताल की जर्जर इमारत, बुनियादी सुविधाओं की कमी, और लगातार बारिश के कारण परिसर में जमा पानी ने यहां कार्यरत चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ मरीजों की भी परेशानी बढ़ा दी है।

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    एक चिकित्सक ने बताया कि सोमवार की सुबह जब वह पहुंचे तो घुटना से अधिक पानी था। अस्पताल के अंदर ओटी, वार्ड व कार्यालय में पानी पहुंच चुका था। अस्पताल के अंदर ऐसी भयावह स्थिति है कि हर समय यह डर बना रहता है कि छत घ्वस्त होकर कहीं गिर न जाये।

    'अस्पताल खुद बीमार'

    वहीं यहां आने वाले मरीजों का मानना है कि "अस्पताल खुद बीमार है, उनसे पहले इसका इलाज होना चाहिए"। जबकि पटना सिविल सर्जन कार्यालय इसके चहारदीवारी से सटा हुआ है। काम करने वाले चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी बताते है कि वह अपनी जान हथेली पर रखकर नौकरी कर रहे हैं। भवन के छत में कई जगह दरारें, लटके हुए छज्जे और टपकते पानी के बीच इलाज करना उनकी मजबूरी बन गई है।

    अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ. सीमा सिंह ने बताया कि अस्पताल के ऊपर मरीजों का काफी दबाव है, इस अस्पताल से सटे महिला थाना है। इस वजह से पूरे पटना में जितनी भी दुष्कर्म की घटनाएं होती है, सभी को इसी अस्पताल में लाया जाता है।

    धरना - प्रदर्शन स्थल, घोड़ा अस्तबल से जुड़े मरीज भी यहीं पहुंचते हैं। शहर के बीचों - बीच होने की वजह से भी यहां मरीजों की अच्छी भीड़ रहती है, लेकिन यहां सुविधाओं का बेहद अभाव है। जर्जर भवन को लेकर कई बार वरीय अधिकारियों को भी पत्र लिखा जा चुका है।