Patna News: बच्चों की मौत मामले में कार्रवाई नहीं होने से भड़के लोगों ने फूंके वाहन, मंत्री के काफिले पर पथराव
पटना में विरोध प्रदर्शन के दौरान बेकाबू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और फायरिंग की। उपद्रवियों ने अटल पथ पर कई वाहनों में तोड़फोड़ की जिसके बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है और घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात है। आईजी जितेंद्र राणा ने कहा है कि कांड दर्ज कर गंभीर कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, पटना। दो भाई-बहन की रहस्यमय मौत के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों लोगों ने सोमवार को अटल पथ पर हंगामा करते हुए दो वाहनों को भी फूंक दिया।
मंत्री के काफिले पर भी पथराव किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आईजी, एसएसपी सहित स्थानीय थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। रात 8.30 बजे तक स्थिति नियंत्रण में आई।
सैकड़ों लोग अटल पथ पर इंद्रपुरी रोड नंबर 10 के समीप प्रदर्शन को जुटे थे। शाम लगभग छह बजे बच्चों को न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोग देखते-देखते उग्र हो गए।
इसके बाद दो घंटे से अधिक समय तक उपद्रव किया। अटल पथ पर यातायात बाधित हो गया। पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू किया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
उग्र प्रदर्शनकारियों ने एक स्कॉर्पियो और एक बाइक को फूंक दिया। उधर से गुजर रहे बाइक सवारों के साथ मारपीट भी की गई। पथराव में आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। एक दर्जन से अधिक चारपहिया वाहनों के शीशे पथराव के दौरान टूट गए। जाम के दौरान ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का काफिला गुजर रहा था, जिस पर पथराव किया गया।
इससे स्कॉर्ट वाहन का शीशा टूट गया। सात बजे से रात आठ बजे तक रुक रुक कर पथराव होता रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फायरिंग भी हुई, लेकिन पुलिस ने इससे इन्कार किया है। उपद्रव के मामले में पुलिस ने चार लोगों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया है।
घटना की सूचना पर आईजी जितेन्द्र राणा, एसएसपी कार्तिकेय शर्मा, सिटी एसपी दीक्षा समेत बड़ी संख्या में पुलिस के जवान घटनास्थल पर पहुंच गए। आगजनी की सूचना अग्निशमन दस्ते को दी गई, जिसके बाद वाहनों में लगी आग बुझाई गई।
हंगामे के कारण वाहनों की लंबी कतार लग गई थी और सड़क पर जाम लग गया। आईजी और एसएसपी ने फायरिंग से इनकार करते हुए कहा कि कुछ पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं। उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
आईजी ने कहा कि अभी तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उपद्रव के मामले में प्राथमिकी की जाएगी। इससे पहले भी 21 अगस्त को लोगों ने प्रदर्शन किया था। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि दो दिनों में बच्चों की मौत का कारण बताएंगे।
इधर, बच्चों के माता-पिता ने पुलिस पर जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है। आक्रोशित लोगों का कहना था कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण दोषी कानून की पकड़ से बाहर हैं।
क्या है मामला?
15 अगस्त को इंद्रपुरी रोड नंबर-12 गोकुल गली में दो बच्चों के शव मिले थे। बहन सात वर्ष और भाई पांच वर्ष का था। पिता गणेश साव समस्तीपुर के रहने वाले हैं। ये पटना में मजदूरी करते हैं, जबकि पत्नी घरों में काम करती है। बच्चे 12 बजे दिन में ट्यूशन पढ़ने के लिए निकले थे। दोपहर तीन बजे नहीं लौटे तो मां ने शिक्षिका को फोन किया। उन्होंने कहा कि वे चले गए हैं।
उसके बाद खोजबीन की गई तो शाम 6.30 बजे सूचना मिली कि गोकुल गली में एक पुरानी कार में बच्चों के शव मिले हैं। वह कार चार महीने से खराब होने के कारण उपयोग में नहीं थी। स्वजन वहां पहुंचे तो बच्ची की सांस चल रही थी, पर अस्पताल पहुंचते पहुंचते दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।
स्वजन का आरोप है कि दोनों की हत्या की गई है। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम में दम घुटने से मौत बताई गई है, हालांकि अभी बिसरा रिपोर्ट नहीं आई है।
पोस्टमार्टम में हत्या की पुष्टि नहीं, विसरा रिपोर्ट का इंतजार
पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी में 15 अगस्त की शाम कार में मिले भाई-बहन के शव मिलने के मामले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि नहीं हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं आया, जिससे की हत्या की पुष्टि हो सके। मौत का कारण भी स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस न्यायालय से अनुमति लेने के बाद विसरा को एफएसएल जांच के लिए भेजी है।
बिसरा रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मिलान के बाद डॉक्टर अंतिम राय देंगे कि बच्चों की मौत के पीछे असली वजह क्या थी? इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। पुलिस इस मामले में बच्चों के घर से ट्यूशन जाने और वहां से जिस प्लॉट के कार में उनका शव मिला था, वहां तक आने जान वाले रास्ते में लगे 25 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगाल चुकी है।
बच्चे ट्यूशन से घर जाते समय रास्ते में खेलते आगे बढ़ते नजर आए, लेकिन प्लॉट में कार तक कैसे पहुंचे? इसका यह स्पष्ट नहीं हो सका। प्लॉट के आसपास कैमरे नहीं मिले है। तकनीकी अनुसंधान भी जारी है। मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।