Cyber Crime: फर्जी ED अधिकारी बन रिटायर्ड डॉक्टर को बनाया शिकार, डिजिटल अरेस्ट कर ऐसे ठगे 74 लाख रुपये
पटना में साइबर ठगी का बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां ठगों ने सेवानिवृत्त डॉक्टर को अपना शिकार बनाया। दो दिनों तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा गया। ठगों ने फर्जी ED अधिकारी बनकर आय से अधिक संपत्ति के मामले में विभागीय कार्यवाई की बात कही। ED का डर दिखाकर उनसे 74 लाख रुपये ठग लिए। यही नहीं लॉकर में रखे आभूषण भी गिरवी रखवा दिए।
जागरण संवाददाता, पटना। ऑनलाइन लुटेरों के जाल में इस बार नालंदा मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) के सेवानिवृत्त चिकित्सक फंस गए। ठगों ने फोन कर खुद को ईडी का अधिकारी बताते हुए बात की और आय से अधिक संपत्ति के मामले में विभागीय कार्यवाई होने जा रही है यह बात बोलकर उन्हें डराया।
इस दौरान ठगों ने उनके अलग-अलग खातों में 74 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। यही नहीं रकम पूरी करने को उनसे बैंक लॉकर में रखे आभूषण भी गिरवी रखवा दिए।
फर्जी दस्तावेजों का सहारा
जांच के नाम पर ठगों ने सेवानिवृत्त चिकित्सक के वाट्सएप नंबर पर कई तरह के फर्जी दस्तावेज भेजे और पूछताछ के लिए मुंबई बुलाने के लिए ट्रेन का टिकट भी करा दिया। जब पीड़ित ने वहां जाने से मना कर दिए तो उन्हें पटना में एक होटल में कमरा बुक कर ठहरने को कहा।
वहां उन्हें दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। इस दौरान उनसे खातों से अलग अलग बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कराई। इतना ही वह इस कदर डर गए थे कि गहनों को गिरवी रखकर रूपये लिए और उसे भी ठगों के खाते में भेज दिया।
डरा-धमकाकर ठगों ने उनसे 74 लाख की ठगी कर ली। जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ उन्होंने साइबर थाना पुलिस से संपर्क किया। अब पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच में जुटी है।
वाट्सएप पर फर्जी पेपर देख सहम गए सेवानिवृत चिकित्सक
- सेवानिवृत चिकित्सक ने बताया कि कुछ दिन पहले एक अनजान नंबर से उन्हें फोन आया।
- उन्होंने फोन रिसीव किया, सामने ने कड़क आवाज में बात की गई।
- ठग ने उनसे कहा कि वह ईडी अधिकारी है।
- जांच हुई तो आपके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का ब्यौरा मिला है।
- ठगों को एहसास हो गया है कि वह उनकी जाल में फंस रहे है।
- कार्रवाई होने की बात कहकर ठगों ने अपने जाल में फंसाना शुरू किया।
- सेवानिवृत चिकित्सक उनकी बातों में फंसते गए।
- संदेह न हो इसके लिए ठगों न्यायालय के फर्जी कागजात की प्रति भी वाट्सएप नंबर भेज दी।
- पेपर पढ़ने के बाद वह ठगों के इशारे पर काम करने लगे।
- सर्वोच्च न्यायालय का फर्जी कागजात भी उनके व्हाट्सएप पर भेजे गए।
- वो इतना डर गए कि लॉकर में रखे गहनों को भी बाहर निकलवा लिया।
2 दिन रहे डिजिटल अरेस्ट
ठगों ने कागजात भेजकर जांच और पूछताछ के लिए मुंबई आने को कहा। सीनियर सिटिजन का हवाला देते हुए उन्होंने वहां जाने में असमर्थता जताई। इसके बाद उन्हें सहरसा से मुंबई जाने के लिए ट्रेन में टिकट कटाने की बात कहीं।
इसके बाद उन्हें बोला गया कि वीडियो कॉल पर ही पूछताछ की जाएगी। इसके लिए उन्हें होटल में बुलाया गया, जहां वह दो दिनों तक रुके।
ठगों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर ED के केस से बचाने के नाम पर खाते से अगल-अलग खातों में 74 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। रकम पूरी करने को उनसे बैंक लाकर में रखे आभूषण भी गिरवी रखवा दिए।
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