'6 महीने में ही 22 लाख मतदाताओं की मौत का आंकड़ा चौंकाने वाला', SIR के आंकड़े पर RJD ने उठाए सवाल
Bihar Voter List 2025 राजद ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण आंकड़ों को अविश्वसनीय बताया है। पार्टी प्रवक्ता ने 22 लाख मतदाताओं को मृत बताए जाने पर सवाल उठाया और कहा कि इतने कम समय में इतनी मौतों का आंकड़ा आश्चर्यजनक है। उन्होंने पुनरीक्षण प्रक्रिया और दस्तावेजों की उपलब्धता पर भी चिंता व्यक्त की।

राज्य ब्यूरो, पटना। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से संबंधित आंकड़ों को राजद ने पूर्णतया अविश्वसनीय व आधारहीन बताया है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि समाचारों में बताया जा रहा कि 65.2 लाख लोगों का नाम मतदाता सूची से कट जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने इन आंकड़ों के आधार और प्रमाणिकता का अभी तक उल्लेख नहीं किया। लगभग 22 लाख मतदाताओं को मृत बताया जा रहा है। जनवरी 2025 से संक्षिप्त पुनरीक्षण हुआ था। उसके बाद क्या इतने लोगों की मृत्यु हो गई?
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के पूर्व 2023 में हुए संक्षिप्त पुनरीक्षण और 2024 में हुए संक्षिप्त पुनरीक्षण के बीच एक वर्ष में मात्र 4.09 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे। उनमें मृतकों के अलावा कुछ और नाम भी हो सकते हैं।
राज्य सरकार के सांख्यिकी विभाग के डाटा के अनुसार 2022 में बिहार में मृतकों की कुल संख्या 448000 रही। 2022 से 2024 के बीच तीन वर्षों में मृतकों की कुल संख्या 1243000 रही। अब मात्र छह माह में 22 लाख मतदाताओं के मृत्यु का आंकड़ा आश्चर्यजनक है।
संक्षिप्त पुनरीक्षण में भी वही बीएलओ और प्रशासनिक व्यवस्था लगी हुई थी, जो एसआईआर में है। तब कहीं कोई गड़बड़ी थी ताे भाजपा और एनडीए के बीएलए क्या कर रहे थे? दावा है कि 99.8 प्रतिशत मतदाता गणना प्रपत्र जमा कराए, एक अगस्त से उनका सत्यापन शुरू होगा।
उन्होंने कहा कि 45 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनके पास उन अधिसूचित 11 दस्तावेज में से कोई भी नहीं है। उनका क्या होगा?
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