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    बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण में क्या भागीदारी निभा रहे हैं विपक्षी दल, कितनी हो गई BLO की संख्या? देखें रिपोर्ट

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 09:32 PM (IST)

    बिहार में चल रहे मतदाता सूची सघन पुनरीक्षण में कांग्रेस और वामदलों जैसे विपक्षी दलों ने सक्रिय रूप से भाग लिया है। चुनाव आयोग के अनुसार 25 जुलाई तक 7.24 करोड़ मतदाताओं के गणना फार्म जमा हो चुके हैं। इस दौरान 22 लाख मतदाता मृत पाए गए जबकि 36 लाख स्थानांतरित हो चुके हैं।

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    बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण में भागीदारी निभा रहे हैं विपक्षी दल (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार में चल रहे मतदाता सूची सघन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चुनाव आयोग द्वारा पहले चरण के जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि इस प्रक्रिया में सिर्फ मतदाता ही नहीं, कांग्रेस और वामदलों जैसी विपक्षी पार्टियों ने भी सक्रियता से भाग लिया है।

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    चुनाव आयोग के अनुसार, 24 जून से शुरू हुई इस प्रक्रिया में 25 जुलाई तक कुल 7.89 करोड़ में से 7.24 करोड़ मतदाताओं (91.69 प्रतिशत) के गणना फार्म जमा हो चुके हैं।

    विपक्षी दलों की भागीदारी

    इतना ही नहीं, निर्वाचन आयोग की अपेक्षानुसार कांग्रेस और वामदलों जैसे विपक्षी दलों ने भी बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की संख्या बढ़ाकर सक्रियता से इस प्रक्रिया में भागीदारी की है।

    चुनाव आयोग की ओर से रविवार को बताया गया कि अब तक चली मतदाता सूची सघन पुनरीक्षण की प्रक्रिया में 22 लाख (2.83 प्रतिशत) मतदाता मृत पाए गए हैं, जबकि 36 लाख (4.59 प्रतिशत) मतदाता ऐसे हैं, जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं या 25 जुलाई तक भौतिक रूप में मिले नहीं।

    कब होगी फॉर्म की जांच

    इसी तरह ऐसे मतदाता सात लाख (0.89 प्रतिशत) पाए गए हैं, जो अन्यत्र भी मतदाता बने हुए हैं। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि एक अगस्त तक इन गणना फॉर्म की जांच निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी और सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी द्वारा की जाएगी।

    इसके बाद दावे-आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया एक अगस्त से एक सितंबर तक चलेगी। उसमें जो भी वैध मतदाता पाए जाएंगे, उनके नाम सूची में शामिल कर लिए जाएंगे। इसके साथ ही आयोग ने बताया कि 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने एसआईआर प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी की है।

    कितनी है BLO की संख्या

    इन्होंने अपने बीएलए की कुल संख्या में भी 23 जून के बाद 16 प्रतिशत की वृद्धि की है। उदाहरण के तौर पर भाजपा ने बीएलए की संख्या में जहां तीन प्रतिशत, वहीं कांग्रेस ने 105 प्रतिशत, सीपीआई (एम) ने 1083 प्रतिशत, भाकपा (माले) ने 542 प्रतिशत, बसपा ने 185 प्रतिशत तो राजद ने मात्र एक प्रतिशत बीएलए की वृद्धि की है।