Patna News: ज्वेलरी शोरूम की आड़ में 1000 करोड़ की ठगी, फरार CEO की तलाश में पटना में छापा
मुंबई से लगभग हजार करोड़ लेकर फरार कंपनी के सीईओ की तलाश में मुंबई की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने फुलवारीशरीफ के आदर्श नगर में छापेमारी की। फरार कंपनी के सीईओ तौसिफ रजा ने मुंबई में टोरेक्स ज्वेलरी शोरूम खोल रखा था और उसी की आड़ में ठगी कर रहा था। इस मामले में तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

संवाद सूत्र, फुलवारीशरीफ (पटना)। आभूषण में निवेश कर बढ़िया लाभ का प्रलोभन देकर मुंबई से लगभग हजार करोड़ लेकर फरार कंपनी के सीईओ की तलाश में वहां की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने फुलवारीशरीफ के आदर्श नगर के एक अपार्टमेंट में सोमवार की शाम छापेमारी की।
इस दौरान आरोपित सीईओ तौसिफ रजा तो नहीं मिला, लेकिन टीम उसके भाई का बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। छापेमारी देर रात तक जारी थी। शीघ्र ही संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया की जाएगी।
टोरेक्स ज्वेलरी शोरूम की आड़ में ठगी
स्थानीय थाने को दी गई लिखित जानकारी में ईओयू ने बताया है कि तौसिफ रजा उर्फ जान कटर ने मुंबई में टोरेक्स ज्वेलरी शोरूम खोल रखा था, उसी की आड़ में ठगी की है।
मुंबई से आए अधिकारी चेतन पचरेवाल ने बताया कि अभी साढ़े चार सौ करोड़ के घोटाले की बात सामने आई है, जांच आगे बढ़ी तो यह आंकड़ा एक हजार करोड़ तक जा सकता है। इस मामले में कंपनी के दो रूसी सहयोगी समेत तीन पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
तौसिफ ने अलग-अलग पते पर दस-दस आधार कार्ड बनवा रखे थे, इस कारण उस तक पहुंचने में देर हुई। कई राज्यों में दबिश के बाद पता चला कि वह बिहार के सुल्तानगंज का मूल निवासी है। फिलहाल, फुलवारीशरीफ के आदर्श बिहार कॉलोनी के फ्लैट में उसका परिवार रह रहा है।
बताया गया कि ज्वेलरी शो रूम में तीन रूसी एवं दो भारतीय पार्टनर थे। जिनमें सर्वेश अशोक शुरने, मुंबई, विक्टोरिया एवं रूसी नागरिक केल्विन व बेलेनरीना पकड़े जा चुके हैं। महिला पार्टनर तान्या संग तौसिफ फरार हैं।
450 ग्राहकों ने किया है निवेश
इन लोगों ने ग्राहकों के लिए आभूषण में निवेश की एक योजना पेश की और उनके खाते अपनी कंपनी में खोलवाने लगे और उनकी जमा राशि पर साप्ताहिक छह प्रतिशत ब्याज देने लगे। आकर्षक लाभ देख लगभग साढ़े चार सौ ग्राहकों ने निवेश कर दिया।
अचानक कंपनी ने ब्याज की राशि प्रति सप्ताह 11 प्रतिशत कर दी। ब्याज बढ़ते कंपनी में हजारों लोगों ने अपनी जमा पूंजी का निवेश कर दिया। जब लगभग एक हजार करोड़ रुपये कंपनी में निवेश हो गए तो उसके कर्ताधर्ता रातोंरात अपने शोरूम बंदकर भाग निकले।
लोगों ने अपनी जमा पूंजी निकलवाने के लिए मुंबई पुलिस से मदद मांगी, परंतु ठगी की रकम काफी अधिक होने के कारण वहां की सरकार ने मामला मुंबई की आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया।
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