Punpun Kharmas Mela: पुनपुन अंतरराष्ट्रीय खरमास मेला 16 दिसंबर से, इस बार खास तरह की है व्यवस्था
पुनपुन अंतरराष्ट्रीय पौष खरमास मेले की शुरुआत 16 दिसंबर से होगी और यह 14 जनवरी तक चलेगा। इस मेले में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। प्रशासनिक तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं और विधि-व्यवस्था संधारण के लिए दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी तैनात रहेंगे। रेलवे से समन्वय स्थापित कर पुनपुन रेलवे स्टेशन एवं नदी घाट रेलवे हाल्ट पर आवश्यक प्रबंध रहेगा।

जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: एक माह तक चलने वाले पुनपुन अंतरराष्ट्रीय पौष खरमास मेले की शुरुआत 16 दिसंबर को होगी। यह 14 जनवरी तक चलेगा। मेले में बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। मेले से जुड़ीं प्रशासनिक तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने शुक्रवार को पुनपुन अंतरराष्ट्रीय पौष खरमास मेले के लिए त्रुटिहीन प्रशासनिक प्रबंध सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। विधि-व्यवस्था संधारण के लिए दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी तैनात रहेंगे।
अस्थायी नियंत्रण कक्ष एवं मे आई हेल्प यू काउंटर सक्रिय रहेगा। सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। क्यूआरटी सक्रिय रहेगी। मेला स्थल एवं आसपास अलाव की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। रेलवे से समन्वय स्थापित कर पुनपुन रेलवे स्टेशन एवं नदी घाट रेलवे हाल्ट पर आवश्यक प्रबंध रहेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुचारू यातायात तथा सुदृढ़ विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके प्रति सभी स्टेकहोल्डर्स को तत्पर एवं मुस्तैद रहना होगा। सभी विभागों के पदाधिकारियों को आपस में समन्वय करते हुए मेले का सफल आयोजन सुनिश्चित करना होगा।
पर्यटन, राजस्व, रेलवे, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल, नगर पंचायत, आपदा प्रबंधन, अग्निशमन, यातायात, परिवहन सहित सभी विभागों को दायित्वों का समुचित निर्वहन करना होगा।
नोडल पदाधिकारी एसडीएम और डीएसपी रहेंगे
मेले का नोडल पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी मसौढ़ी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मसौढ़ी को बनाया गया। दोनों अधिकारी नियमित तौर पर अनुश्रवण करेंगे।
डीडीसी ने की तैयारियों की समीक्षा
जिलाधिकारी के निर्देश पर उप विकास आयुक्त समीर सौरभ ने शुक्रवार को समाहरणालय स्थित सभागार में मेला की तैयारियों की बिंदुवार समीक्षा की। अनुमंडल पदाधिकारी मसौढ़ी द्वारा मेले के सफल आयोजन की तैयारी के बारे में पीपीटी के माध्यम से प्रतिवेदन समर्पित किया गया।
उप विकास आयुक्त श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए पेयजल, शौचालय एवं चेंजिंग रूम, साफ-सफाई, विद्युत आपूर्ति, यातायात एवं परिवहन, रेलवे संबंधित सुविधा, पर्यटन संबंधी व्यवस्था, आवासन, सुरक्षा व्यवस्था, हेल्प डेस्क काउंटर, विधि-व्यवस्था सहित सभी पहलुओं पर एक-एक कर समीक्षा की।
तीन पालियों में तैनात रहेंगे सफाई कर्मी
- साफ-सफाई एवं फागिंग की व्यवस्था प्रतिदिन तीन पालियों में होगी। यूरिनल, डस्टबीन तथा महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग वाशरूम आदि की व्यवस्था रहेगी।
- यह कार्य नगर पंचायत पुनपुन के कार्यपालक पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे। पेयजल की समुचित व्यवस्था रहेगी।
- मेला परिसर में प्रमुख स्थानों यथा बस स्टैंड, पार्किंग स्थल, नियत्रंण कक्ष तथा पूजा स्थल के आस-पास पेयजल की आपूर्ति के लिए वाटर टैंक, वाटर एटीएम, जलदूत की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित होगी।
- शौचालय एवं चेंजिंग रूम का निर्माण, शौचालयों की नियमित साफ-सफाई के लिए सफाई कर्मियों की प्रतिनियुक्ति रहेगी।
- चिकित्सा व्यवस्था की सुविधा राउंड द क्लाक रहेगी। मेला अवधि के दरम्यान आकस्मिक स्थिति से निपटने को 24 घंटे चिकित्सक एवं पारा मेडिकल कर्मी की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
- जीवनरक्षक दवा एवं एबुलेंस की व्यवस्था, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, मेडिकल सहायता केंद्र के प्रचार-प्रसार के लिए फ्लैक्स एवं बैनर लगाए जाएंगे।
- विद्युत कार्यपालक अभियंता मसौढ़ी को मेला अवधि में 24 घंटे निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
- मेला परिसर, घाट, टेंपू स्टैंड, हाट एवं पार्किंग स्थल आदि स्थानों पर जर्जर विद्युत पोल एवं तारों की जांचोपरांत मरम्मत, विद्युत की वैकल्पिक व्यवस्था, पूर्व से अधिष्ठापित एलईडी हाई मास्ट लाईट को क्रियाशील रखेंगे।
- वर्तमान में पुनपुन नदी का जलस्तर सामान्य है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से एनडीआरएफ व एसडीआरएफ टीम की इनफ्लेटेबुल बोट के साथ प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
- नाविक एवं गोताखोर तैनात रहेंगे। दो बोट, डीप गोताखोर, लाईफ जैकेट, लाईफ ब्याय एवं सभी संसाधनों सहित जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
- पर्याप्त संख्या में ‘‘फायर बिग्रेड टीम’’ की प्रतिनियुक्ति और अग्निशमन वाहनों की उपलब्धता रहेगी।
नेपाल के राजा पौष माह में किया था पिंडदान
पौराणिक मान्यता के अनुसार पुनपुन नदी को पितृ तर्पण की प्रथम वेदी के रूप में स्वीकार किया गया है। ऐसी मान्यता है कि नेपाल के राजा द्वारा पुनपुन नदी के तट पर पौष माह में अपने पूर्वजों का पिंडदान किया गया था। तबसे ये परंपराएं चली आ रही है। पुनपुन नदी को आदि गंगा के नाम से भी जाना जाता है।
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