बिहार की महिला वकीलों के लिए खुशखबरी, बार काउंसिल में मिलेगा 33 प्रतिशत रिजर्वेशन; जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन
मनन कुमार मिश्रा के लगातार सातवीं बार बीसीआई का अध्यक्ष चुने जाने पर बिहार बार काउंसिल के सदस्य प्रेमनाथ ओझा द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बार काउंसिल में महिला वकीलों को 33 प्रतिशत आरक्षण का आश्वासन दिया है। मनन भाजपा से राज्यसभा के सदस्य भी हैं।

विधि संवाददाता, पटना। बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बार काउंसिल में महिला वकीलों को 33 प्रतिशत आरक्षण का आश्वासन दिया है।
रविवार को अपने सम्मान में आयोजित समारोह में उन्होंने बताया कि जल्द ही बीसीआई द्वारा इससे संबंधित अधिसूचना जारी की जाएगी।
बिहार स्टेट बार काउंसिल से होगी शुरुआत
उन्होंने बताया कि सभी राज्य बार काउंसिल के चुनावों में महिला वकीलों को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए नियम बनाया जाएगा। इस पहल की शुरुआत बिहार स्टेट बार काउंसिल से होगी।
मनन भाजपा से राज्यसभा के सदस्य भी हैं। उनके लगातार सातवीं बार बीसीआई का अध्यक्ष चुने जाने पर बिहार बार काउंसिल के सदस्य प्रेमनाथ ओझा द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन हुआ था।
वकीलों के हित में करेंगे काम
मनन को शॉल, पुष्पगुच्छ और एक क्विंटल फूलों की माला भेंट की गई। कार्यक्रम में बिहार बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा, उपाध्यक्ष दीनानाथ यादव तथा सदस्य योगेश चंद्र वर्मा, नम्रता मिश्रा, नीतू झा आदि अधिवक्ताओं की सहभागिता रही।
मनन ने सभी अधिवक्ताओं के प्रति आभार प्रकट करते हुए आश्वासन दिया कि वे वकीलों के हितों और उनकी बेहतरी के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।
बार काउंसिल इलेक्शन ट्रिब्यूनल ने अवमाननावाद के आरोपों को लेकर भेजा नोटिस
वहीं, दूसरी ओर मुजफ्फरपुर में बिहार स्टेट बार काउंसिल चुनाव के विरुद्ध दाखिल याचिका के आलोक के आदेश की अवहेलना के आरोप के मामले में ट्रिब्यूनल ने दो सप्ताह के अंदर जबाव दाखिल करने का नोटिस जारी किया है।
इस संबंध में याचिकाकर्ता अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा और अन्य से ट्रिब्यूनल में अवमाननावाद दाखिल किया था। अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा है कि इलेक्शन ट्रिब्यूनल संख्या-तीन ने पिछले वर्ष सात दिसंबर को अपने आदेश में कहा था कि याचिका के निष्पादन तक बिहार स्टेट बार काउंसिल के चुनाव में जीत प्राप्त किए सदस्य को सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। इसका गजट नहीं किया जाएगा।
ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार बार काउंसिल के बेवसाइट से जल्द से जल्द नाम और फोटो हटा लेना था। ऐसी परिस्थिति में चुनाव याचिका के निष्पादन होने तक ये अपने नाम के आगे बार काउंसिल के सदस्य नहीं लिख सकते हैं।
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने आरोप लगाया है कि इसके बाद भी 14 दिसंबर को लगाए गए शिलापट्ट पर सदस्य का पद और नाम लिखा गया है। बार काउंसिल की ओर से फोटो और नाम वाली डायरी निर्गत की गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह ट्रिब्यूनल के आदेश की अवहेलना है। ट्रिब्यूनल संख्या तीन के चेयरमैन और हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन, न्यायमूर्ति मृदुला मिश्रा और न्यायमूर्ति एम सत्यनारायण की पीठ ने नोटिस भेजा है।
इसमें बिहार स्टेट बार काउंसिल के चुनाव लड़ने वाले अपनी जीत का दावा करने वाले सदस्य और बार काउंसिल ऑफ इंडिया चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा, बिहार स्टेट बार काउंसिल के रामाकांत शर्मा, योगेशचंद्र वर्मा, दीनानाथ यादव हैं।
वहीं, विंध्यकेशरी कुमार, चंदेश्वर उपाध्याय, रामचरित्तर प्रसाद, जयप्रकाश सिंह, मो.सैदुल्ला, प्रेम कुमार झा, मधुसूदन शर्मा, एसबी यादव, प्रेमनाथ ओझा, सचिदानंद सिंह, राजीव शरण, रामजी मिश्रा, संजीव कुमार, मुरारी कुमार हिमांशु, रंजन कुमार झा, नम्रता मिश्र, नीतू झा, राजीव कुमार सिंह और पनल कुमार शामिल हैं।
सभी को दो सप्ताह के अंदर अपना उत्तर देना है।
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