पटना के अस्पतालों में ब्रेन हेमरेज मरीजों की बाढ़, एक सप्ताह में भर्ती हुए 70 से ज्यादा पेशेंट
पटना के प्रमुख अस्पतालों में ब्रेन हेमरेज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है। आईजीआईएमएस में एक सप्ताह में 40 से अधिक मरीज भर्ती हुए जिनमें से तीन की मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि अब युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं और लक्षणों को अनदेखा करने से स्थिति गंभीर हो रही है।

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में एक सप्ताह के भीतर ब्रेन हेमरेज के 40 से अधिक मरीज भर्ती किए गए हैं, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि बदलते मौसम में तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण ब्रेन हेमरेज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
पहले यह समस्या 50-55 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब 35 से 40 वर्ष के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
उन्होंने चिंता जताई कि कई मरीज समय पर उपचार नहीं करा रहे हैं और शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर घरेलू इलाज में समय गंवा देते हैं, इससे स्थिति और गंभीर हो जाती है।
उन्होंने बताया कि भर्ती मरीजों में से औसतन पांच प्रतिशत की मौत हो रही है, जो गंभीर चिंता का विषय है। पीएमसीएच के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. रोहित कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में ब्रेन हेमरेज के मामलों में वृद्धि देखी गई है।
एम्स के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. विकास चंद्र झा ने तेज सिरदर्द, उल्टी, कमजोरी, दृष्टि संबंधी परेशानी या शरीर के किसी हिस्से में सुन्नपन जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करने की सलाह दी है।
ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अस्पताल पहुंचने की आवश्यकता है ताकि समय रहते उपचार हो सके। कहा कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने और नियमित जांच कराने की सलाह दी है। साथ ही बदलते मौसम में खुद को हाइड्रेट रखने, संतुलित आहार लेने और तनाव से बचने की अपील की है।
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