बिहार कैबिनेट की सौगात: विकास मित्र चलाएंगे 25000 का टैबलेट, शिक्षा सेवी 10 हजार में खरीदेंगे स्मार्ट फोन
बिहार सरकार ने विकास मित्रों को टैबलेट और शिक्षासेवियों को स्मार्टफोन खरीदने के लिए पैसे देने का फैसला किया है। शिक्षा सेवकों को शिक्षण सामग्री के लिए भी अधिक पैसे मिलेंगे। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना में स्नातक पास युवाओं को भी शामिल किया गया है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए नारी शक्ति योजना के तहत अल्पावास गृहों को शक्ति सदन में बदला जाएगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार महादलित विकास मिशन के अंतर्गत कार्यरत 9817 विकास मित्रों को टैबलेट खरीदने के लिए राज्य सरकार एकमुश्त 25-25 हजार रुपये देगी।
वहीं, 28 हजार शिक्षासेवियों को स्मार्ट फोन खरीदने के लिए दस-दस हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही प्रत्येक शिक्षा सेवक को प्रतिवर्ष शिक्षण सामग्री के लिए 3405 रुपये के बदले अब 12 हजार रुपये दिए जाएंगे।
इससे राज्य के 30 हजार शिक्षा सेवकों को लाभ होगा। इसमें 10 हजार शिक्षा सेवक-तालिमी मरकज हैं। शुक्रवार को राज्य कैबिनेट से इसकी स्वीकृति मिली।
मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता के लाभुकों के शैक्षणिक योग्यता में कला, विज्ञान या वाणिज्य संकाय में स्नातक उत्तीर्ण को भी शामिल करने का प्रावधान किया गया है।
इन्हें दो वर्षों के लिए हर माह एक हजार रुपये सहायता भत्ता मिलेगा। अब तक 20 से 25 वर्ष के 12 वीं या इसके समकक्ष बेरोजगार युवक-युवतियों को ही यह लाभ मिल रहा था।
महिलाओं की सुरक्षा एवं पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना अंतर्गत संचालित अल्पावास गृहों को शक्ति सदन में परिवर्तित कर संचालित करने को मंजूरी दी।
इससे कठिन परिस्थितियों में रह रही एवं मानव तस्करी से पीड़ित महिलाओं को एक छत के नीचे राहत और पुनर्वास की सेवाएं मिल सकेगी।
चार लाख तक का शिक्षा ऋण ब्याज मुक्त
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की मार्गदर्शिका में संशोधन को भी स्वीकृति मिल गई है। संशोधन के बाद अब चार लाख रुपये तक शिक्षा ऋण ब्याज मुक्त होगा। जिन आवेदकों ने पहले से शिक्षा ऋण लिया है या वर्तमान में चुका रहे हैं, उनके शेष ऋण भी ब्याज मुक्त हो जाएगा।
शिक्षा ऋण लेने वाले छात्र की मृत्यु कोर्स अवधि में होने पर ऋण माफ हो जाएगा। वहीं दो लाख रुपये तक का ऋण अधिकतम 84 मासिक किस्तों में चुकाया जाएगा। दो लाख से अधिक का ऋण अधिकतम 120 मासिक किस्तों में चुकाया जाएगा।
मेडिकल कॉलेजों में तीन की जगह दो साल का बांड
राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी या डिप्लोमा उत्तीर्ण डाक्टरों की बांड व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। अभी तक तीन साल की बांड अवधि थी जिसे घटाकर दो साल कर दिया गया है। इसके अलावा बांड के उल्लंघन पर अब सिर्फ बांड की राशि जब्त की जाएगी।
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