Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव को बड़ा झटका, RJD जिलाध्यक्ष ने थामा BJP का झंडा
मुंगेर में राजद को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। राजद जिलाध्यक्ष त्रिलोकी नारायण शर्मा कई कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा में शामिल हो गए। शर्मा के इस कदम से तेजस्वी यादव के ए-टू-जेड के नारे पर सवाल उठ रहे हैं और राजद की पकड़ कमजोर होती दिख रही है। इसे राजद के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है।

जागरण संवाददाता, मुंगेर। विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले मुंगेर में राजद को बड़ा झटका लगा है। राजद के वर्तमान जिलाध्यक्ष त्रिलोकी नारायण शर्मा ने राजद को बाय-बाय कहते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है।
त्रिलोकी नारायण शर्मा के साथ ही मंजेश कुमार, रामबालक मंडल, मनीष कुमार, विजय पासवान, संजय सिंह, डॉ. चंदन कुमार सहित कई राजद कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. अरुण पोद्दार ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल से सदस्यता दिलाई। बताते चलें कि त्रिलोकी नारायण शर्मा अतिपिछड़ा समाज से आते हैं।
विगत दो बार से मुंगेर जिले में राजद ने अपने संगठन की डोर अतिपिछड़ा समाज के जिलाध्यक्ष को सौंप रखा था। त्रिलोकी नारायण शर्मा से पहले बरियारपुर क्षेत्र के देवकी नंदन सिंह को राजद का जिलाध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद नौवागढ़ी निवासी त्रिलोकी नारायण शर्मा को जिलाध्यक्ष बनाया गया था।
इससे पूर्व लंबे समय तक प्रमोद कुमार यादव तथा इसके पूर्व मोहन यादव राजद के जिलाध्यक्ष रहे थे। विदित हो कि राहुल गांधी तथा तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा के महज चंद दिन पहले जिलाध्यक्ष त्रिलोकी नारायण शर्मा तथा प्रधान महासचिव संतोष कुमार यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
उस समय पार्टी ने दोनों का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था। बताते चलें कि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान यात्रा का प्रभारी जमुई लोकसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी रही अर्चना रविदास को बनाया गया था।
कहा जाता है कि जिलाध्यक्ष और प्रधान महासचिव उस समय खुद को तरजीह नहीं दिए जाने से असंतुष्ट चल रहे थे और इसी कारण इस्तीफा दे दिया था। अब तो त्रिलोकी नारायण शर्मा ने राजद को बाय-बाय कहते हुए भाजपा का झंडा ही उठा लिया है।
इससे जहां एक ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के ए-टू-जेड के नारे की स्वीकार्यता को झुठला रहा है तो दूसरी ओर समाज के हर वर्ग खासकर अतिपिछड़ा समाज पर राजद की कमजोर पकड़ को उजागर कर रहा है।
हालांकि चुनाव में इसका क्या असर होगा यह तो चुनाव परिणाम ही बताएगा, लेकिन राजद जिलाध्यक्ष के भाजपा में शामिल होने की घटना को राजद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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