Updated: Sat, 22 Mar 2025 12:35 PM (IST)
Patna News बाढ़ में स्थापित राज्य के पहले सुपर पावर थर्मल प्लांट के स्टेज वन की तीसरी इकाई को शुक्रवार को सिंक्रोनाइज कर दिया गया। इसे 26 मार्च से 72 घंटे के लिए पूरी क्षमता पर चलाया जाएगा। इस नई इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया जा सकेगा। इसकी क्षमता 660 मेगावाट है। बाढ़ थर्मल पावर स्टेशन की आधारशिला 1999 में रखी गई थी।
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर बाढ़ में स्थापित राज्य के पहले सुपर पावर थर्मल प्लांट के स्टेज वन की तीसरी इकाई को शुक्रवार को सिंक्रोनाइज कर दिया गया। इसे 26 मार्च से 72 घंटे के लिए पूरी क्षमता पर चलाया जाएगा।
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इस नई इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया जा सकेगा। इस तरह बाढ़ सुपर पावर थर्मल प्लांट के स्टेज वन के तीन और स्टेज टू की दो इकाई पूरी तरह से बिजली का उत्पादन करना शुरू कर देगी। तीन इकाईयों में प्रत्येक की क्षमता 660 मेगावाट है।
जबकि स्टेज टू की दो इकाईयों की क्षमता 660 मेगावाट है। इस तरह स्टेज वन की तीनों इकाईयों से कुल 1980 मेगावाट हो जाएगा और दूसरे स्टेज की दो इकाईयों से 1320 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है । इसमें बिहार को स्टेज वन की तीनों इकाईयों से 61 फीसदी यानी 1202 मेगावाट मिलेगी तथा स्टेज टू की दो इकाईयों से 87 फीसदी यानी 1153 मेगावाट बिजली मिल रही है।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बाढ़ थर्मल पावर प्लांट बिहार की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के बेहतर नेतृत्व और राज्य में सुशासन की वजह से संभव हो पाया है। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य को निर्बाध एवं सस्ती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि, व्यापार और घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
बाढ़ विद्युत ताप परियोजना का सफल क्रियान्वयन बिहार को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
1999 में रखी गई थी बाढ़ थर्मल पावर स्टेशन की आधारशिला
बाढ़ थर्मल की आधारशिला 1999 में रखी गई थी। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र सरकार में मंत्री थे। पहले इसमें 660 मेगावाट की सिर्फ तीन यूनिट बनाने की योजना थी। बाद में इसके दूसरे चरण को मंजूर करते हुए 660 मेगावाट की दो अतिरिक्त यूनिटों को बढ़ाया गया।
इस तरह इस संयंत्र के स्टेज वन में तीन तथा स्टेज टू में दो यूनिटें बनाने की योजना को मूर्तरूप दिया गया। राज्य सरकार बाढ़ थर्मल पावर प्लांट की जमीन के अधिग्रहण में एनटीपीसी को काफी सहयोग किया।
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