Patna News: आखिर पुणे के व्यवसायी की बिहार में कैसे हत्या हो गई? अब राज से हटा पर्दा; 11 गिरफ्तार
Patna News पटना एयरपोर्ट से पुणे के व्यवसायी का अपहरण और हत्या मामले में पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें एक 19 वर्षीय युवती भी शामिल है। आरोपियों ने फर्जी ईमेल से व्यवसायी को बुलाकर अपहरण किया और फिरौती के लिए मारपीट की जिससे उनकी मौत हो गई। गिरोह का सरगना अभी फरार है। एसएसपी अवकाश कुमार ने घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।

जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: पटना एयरपोर्ट से पुणे के व्यवसायी का अपहरण कर हत्या करने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को 19 वर्षीय युवती समेत 11 आरोपितों को गिरफ्तार कर संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इन अपराधियों ने झारखंड के कोल इंडिया के फर्जी ईमेल से स्क्रैप खरीदने का प्रस्ताव भेज कर लक्ष्मण साधु शिंदे (55) को पटना बुलाया था।
यहां एयरपोर्ट से कार से उनका अपहरण कर नालंदा जिले के हिलसा थानांतर्गत नवाडीह ले गए थे। शिंदे के खाते में 12 लाख रुपये थे। अपराधियों ने ये रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कराने के लिए उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। हालांकि, 90 हजार रुपये ही वसूल पाए।
पिटाई से हुई शिंदे की मौत
पिटाई से शिंदे की मौत हो गई तो अपराधियों ने शव को जहानाबाद जिले के घोसी थानांतर्गत झुमकी एवं मानपुर गांव के बीच सड़क किनारे फेंक दिया। गिरोह का सरगना अपहरण के लिए कार मुहैया कराने वाले विपातरा कुमार का भांजा सुमित बताया जाता है। वह अभी फरार है।
एसएसपी अवकाश कुमार ने बताया कि गिरोह गत तीन महीने में गुजरात के राजकोट, अहमदाबाद, बड़ोदरा एवं झारखंड व बेंगलुरु के व्यवसायियों का अपहरण कर सात से 40 लाख रुपये तक वसूल चुका है। इनमें एक अधिवक्ता भी हैं।
अब तक किसी पीड़ित ने प्राथमिकी नहीं कराई, जिससे गिरोह का दुस्साहस बढ़ता चला गया। अब पटना पुलिस गिरोह के शिकार बने लोगों से संपर्क कर रही है। गुजरात पुलिस ने भी हवाईअड्डा थाने में आकर आरोपितों से पूछताछ की है।
नाम बदलकर लोगों को फांसता था
रंजीत शिंदे से शिवराज सागी बनकर संपर्क करने वाला रंजीत पटेल उर्फ मुन्ना था। रंजीत को स्क्रैप के कारोबार के बारे में अच्छी जानकारी थी। इस कारण शिंदे उसकी बातों में फंस गए। अपराधियों ने गूगल से नंबर लेकर शिंदे की कंपनी से संपर्क किया था। रंजीत ही कार से शिंदे को रिसिव करने पटना एयरपोर्ट गया था।
अब तक शिकार हुए ज्यादातर लोगों से रंजीत ही बातें करता था। अपहरण के बाद वह लोगों से रुपये ट्रांसफर करवाता और 24 घंटे के भीतर सुनसान स्थान पर छोड़ देता था। गिरफ्तारी के बाद रंजीत ने पूछताछ में पुलिस के सामने अपनी सारी करतूत स्वीकार कर ली है।
कार के रजिस्ट्रेशन नंबर से गिरोह तक पहुंची पुलिस
एयरपोर्ट पर लगे सीसी कैमरे के फुटेज में शिंदे एक कार पर बैठते दिखे थे। उसके रजिस्ट्रेशन नंबर से पुलिस ने कार मालिक की पहचान वैशाली जिले के जंदाहा थानांतर्गत लक्ष्मणपुर निवासी विपातरा कुमार के रूप में की। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तो उसके पास से स्कार्पियो बरामद हुई।
हुंडई आइ-20 की बाबत पूछने पर उसने रंजीत पटेल का नाम लिया। पुलिस ने जब उसकी मोबाइल लोकेशन निकाली तो वह नवादा जिले के हिसुआ स्थित एक होटल का मिला। लोकेशन के आधार पर पुलिस ने होटल में दबिश देकर युवती समेत सात आरोपितों को दबोच लिया। उनकी निशानदेही पर चार और आरोपित अन्य जिलों से पकड़े गए। उनके नाम और पते का सत्यापन कराया जा रहा है।
नवादा जिले से इनकी हुई गिरफ्तारी
रंजीत पटेल उर्फ मुन्ना (छद्म नाम-शिवराज सागी) (रहीमचक, पावापुरी, नालंदा), विकास उर्फ मोहित (मेयार, नूरसराय, नालंदा), लाल बिहारी (नवाडीह, हिलसा, नालंदा), संगीता कुमारी (सौरे, बेन, नालंदा), कुंदन कुमार (खरुआरा, चेरो, नालंदा), करण उर्फ कुणाल उर्फ कुंदन (रानापर, वैशाली) और सचिन रंजन (रानापर, वैशाली)।
क्या है पूरा मामला
पुणे के कोर्थूड़ थानांतर्गत एकलव्य कालेज के निकट इंद्रायणी को-आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी डी/01 के रहने वाले स्क्रैप व्यवसायी लक्ष्मण साधु शिंदे (55) 11 अप्रैल की शाम साढ़े सात बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचे थे। अगले दिन जहानाबाद जिले के घोसी थानांतर्गत झुमकी एवं मानपुर गांव के बीच उनका शव बरामद हुआ था।
इधर, संपर्क नहीं होने पर 12 अप्रैल को ही शिंदे के साढ़ू विशाल लवाजी लोखंडे ने कोर्थूड़ थाने में गुमशुदगी की शिकायत की थी, फिर पुणे पुलिस के साथ पटना आकर हवाईअड्डा थाने में अपहरण की प्राथमिकी कराई थी। 14 अप्रैल को पटना पुलिस ने शव की पहचान की थी।
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