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    Cyber Crime: लोन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस गिरफ्त में आए तेलंगाना और नालंदा के पांच साइबर ठग

    Updated: Thu, 19 Dec 2024 02:24 PM (IST)

    पुलिस ने लोन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के 5 ठगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक बिहार के नालंदा और 4 लोग तेलंगाना के रहने वाले हैं। ठगों ने फ्लैट में ही कॉल सेंटर बना रखा था जिससे वो लोगों को अपना शिकार बनाते थे। अब तक इस गिरोह ने लगभग 2 हजार लोगों को ठगी का शिकार बनाया।

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    पुलिस ने 5 ठगों को किया गिरफ्तार

    जागरण संवाददता, पटना। दो निजी फाइनेंस कंपनी के नाम का फर्जी विज्ञापन इंटरनेट मीडिया प्रसारित कर लोन दिलाने के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह के पांच ठगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसमें एक नालंदा और चार तेलंगाना के है। साइबर थाने की पुलिस ने इन सभी को रामकृष्णा नगर के आदर्श कालोनी स्थित एक फ्लैट से दबोचा है।

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    गिरोह विज्ञापन दिए गए नंबर पर संपर्क करने वाले लोगों को लोन दिलाने के नाम पर अलग-अलग मद में शुल्क के नाम पर खातों में रकम मंगा रहा था। गिरोह ने फ्लैट को ही कॉल सेंटर बना रखा था।

    इनके पास से पुलिस ने तीन स्टांप, एक लैपटॉप, 13 मोबाइल, संबंधित कंपनी का फर्जी सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। गिरोह दो हजार से अधिक लोगों को निशाने पर ले चुका था, जिनसे करीब पांच करोड़ की ठगी का ब्योरा मिला है।

    एक नालंदा और 4 आरोपी तेलंगाना के

    1. नालंदा के कतरीसराय के छाछोबीगहा वार्ड नंबर दो निवासी गोपाल कुमार उर्फ राहुल
    2. तेलंगाना के महबूबनगर निवासी गुट्टा शिवाकुमार
    3. मारूती
    4. वारला सुधारकर
    5. पी बिक्रम

    गिरोह में शामिल अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। साइबर थाना डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि लोन दिलाने के नाम पर ठगी की शिकायतें मिल रही थी। तकनीकी अनुसंधान कर ठगों की लोकेशन ट्रेस की गई। एक विशेष टीम का गठन किया गया, जो लोकेशन पर पहुंचकर सत्यापन करने में जुट गई।

    सूचना की पुष्टि के बाद वहां दबिश दी गई, तब पांचों आरोपित ने पुलिस से भागने का प्रयास किया। आरोपियों के पास से मोबाइल, लैपटॉप सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पूछताछ में पता चला कि ये लोग लोन दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे थे।

    नौकरी के नाम पर बुलाया, फिर गिरोह में किया शामिल

    पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना मुकेश है। गोपाल मुकेश के लिए काम करता था। मुकेश और उसके साथी अलग अलग राज्यों में नौकरी दिलाने के नाम पर 12वीं पास युवकों को पटना बुलाया था। तेलंगाना के चारों युवक उसके झांसे में आ गए।

    चारों युवकों को निर्माण कंपनी में काम दिलाने के नाम पर बुलाया था। फिर उन्हें बताया कि फ्लैट में रहकर फोन करना है और बदले में हर महीना 15 से 20 हजार देने का वादा किया गया। पहले उन्हें सैलरी दी गई, फिर जब सभी युवक साइबर ठगी में शामिल हो गए तो उन्हें ठगी की रकम में 20 प्रतिशत दिया जा रहा था।

    पश्चिम बंगाल के गिरोह से लेते थे सिम और खाता नंबर

    मुकेश ने इन सभी को मोबाइल, सिम कार्ड और खाता नंबर उपलब्ध कराया था। लोन के नाम पर किससे क्या बात करनी है और ठगी की रकम को कैसे उन खातों में ट्रांसफर कराना है, चारों युवकों को इसका बकायदा प्रशिक्षण दिया गया था।

    सभी चार महीना से उक्त फ्लैट में रह रहे थे। कोई फ्लैट से बाहर नहीं आता था। उन्हें वहीं रहने के साथ ही भोजन का भी इंतजाम किया जाता था। सिम कार्ड और रकम ट्रांसफर करने के बैंक खातों का इंतजाम मुकेश करता था। वह पश्चिम बंगाल से सिम व खाता नंबर मंगा रहा था।

    कैसे करते थे ठगी

    ठग इंटरनेट मीडिया पर निजी फाइनेंस कंपनी से मिलता जुलता विज्ञापन प्रसारित करते या मोबाइल पर लिंक भेजते थे। विज्ञापन के साथ लोन के लिए संपर्क करने के लिए मोबाइल नंबर दिया जाता था।

    वह मोबाइल नंबर फ्लैट में बैठे उन पांचों ठगों के मोबाइल में होता था। जैसे ही कोई लोन के लिए फोन करता था, ठग रिसीव कर उनसे बातचीत करते थे।

    फिर लोन खाते में भेजने के पहले उनके वाट्सएप नंबर पर फर्जी दस्तावेज भेजकर उनसे अलग अलग मद में फीस के तौर पर राशि पैसा अलग अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कराते थे। जब पैसा जमा करने के बाद भी पीड़ित को लोन नहीं मिलता था और वह उन नंबर पर संपर्क करते थे तो ठग उनके नंबर को ब्लॉक कर देते थे।

    अब तक 23 लोगों की हो चुकी हैं गिरफ्तारियां

    इस महीने में अब तक लोन और कुरियर के नाम पर ठगी करने वाले तीन गिरोह के 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

    रामकृष्णा नगर से तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और शेखपुरा व नालंदा के 12 ठगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके पूर्व छह तेलंगाना के युवकों को साइबर ठगी के मामले में जेल भेजा गया था। इन सभी की उम्र 20 से 25 साल के बीच बताई गई।

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