Budget 2025 केंद्रीय बजट 2025 में बिहार के लिए कई योजनाएं लाई गई हैं जिसमें कृषि से लेकर एजुकेशन संस्थाओं के डेवलपमेंट की बात कही गई है। बजट में पटना आईआईटी के विस्तार की भी बात कही गई है। इससे ज्यादा स्टूडेंट्स का एडमिशन पटना आईआईटी में हो पाएगा और उनके सुविधाओं में बढ़ोतरी भी होगी। आईआईटी पटना में आइआईटी मद्रास की तर्ज पर रिसर्च पार्क विकसित किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, पटना। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट पेश किया। इस बजट में बिहार को कई सौगात मिले। केंद्रीय बजट में आईआईटी पटना के तीसरे चरण के निर्माण कार्य के लिए राशि उपलब्ध कराई गई है।
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600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च कर तीन वर्षों में रिसर्च पार्क, सेंट्रल रिसर्च फैसिलिटी सेंटर, सेंटर फॉर एजुकेशनल टेक्नोलॉजी सेंटर, एकेडमिक ब्लॉक, छात्रावास, फैकल्टी व शिक्षकों के लिए क्वाटर, अंतरराष्ट्रीय छात्रावास आदि का निर्माण किया जाएगा।
विद्यार्थियों में खुशी की लहर
ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध हो जाने के बाद 2028 तक छात्रों की संख्या 6500 हो जाएगी। वर्तमान में 4000 हजार विद्यार्थी बीटेक, एमटेक, पीएचडी आदि कोर्स में पढ़ाई कर रहे हैं। आईआईटी पटना के विद्यार्थियों में सबसे ज्यादा खुशी रिसर्च पार्क के निर्माण को लेकर है।
आईआईटी पटना में आईआईटी मद्रास की तर्ज पर रिसर्च पार्क विकसित किया जाएगा। यहां विद्यार्थियों को शोध सहित अपने आइडिया को बाजार में पहुंचाने तक की सुविधा उपलबध कराई जाएगी।
आईआईटी बांबे और आईआईटी दिल्ली में भी रिसर्च पार्क बनाए जा रहे हैं। बिहटा में लगभग 501 एकड़ में आईआईटी पटना का परिसर है। अभी तक केवल 34 प्रतिशत ही भूमि का उपयोग हुआ है।
60 प्रतिशत भूमि अभी भी यहां खाली है। इन खाली स्थानों पर आधारभूत संरचना का विस्तार किया जायेगा। अभी तक आईआईटी पटना का फेज टू का डेवलपमेंट पूरा हो गया है। अब फेज थ्री के तहत आईआईटी पटना का डेवलपमेंट होगा।
एक कदम आगे बढ़ा आईआईटी पटना
आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि बजट में आईआईटी पटना का उल्लेख करना ही बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि आईआईटी के विस्तारीकरण की आवश्यकता है। इसको आगे बढ़ाने के लिए और भी सुविधाओं का मिश्रण होना है।
उन्होंने कहा कि पठन-पाठन के लिए अभी और भी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करना है। केंद्र सरकार के सहयोग से आईआईटी पटना एक कदम और आगे बढ़ेगा। छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता का भी विस्तार किया जायेगा।
प्रो. सिंह ने बताया कि आईआईटी पटना की स्थापना 2008 में हुई थी। आईआईटी पटना में छात्रों को बीटेक, एमटेक, पीएचडी के अलावा बीएससी, एमबीए और बीबीए जैसे कोर्स कराए जा रहे हैं।
दूसरे चरण में 17 भवनों का हुआ है निर्माण
आईआईटी पटना के बिहटा परिसर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जुलाई 2015 को किया था। आईआईटी पटना के फेज टू के तहत 20 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 भवनों का उद्घाटन किया था।
फेज टू में छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास, एकेडमिक बिल्डिंग, स्टाफ के लिए रहने की व्यवस्था की गयी है। शोध के लिए विभिन्न विभागों के भवनों का उद्घाटन किया गया था। 17 विभिन्न भवन 460 करोड़ की लागत से बने हैं।
2028 तक छात्रों की संख्या होगी 6500 होगी
- आईआईटी मद्रास की तर्ज पर विकसित किया जाएगा रिसर्च पार्क
- 501 एकड़ में है आईआईटी पटना का परिसर
- 30 प्रतिशत भूमि का ही अभी तक हो रहा उपयोग
- तीसरे चरण का निर्माण कार्य पूरा हो जाने पर संस्थान की 60 प्रतिशत भूमि का होगा उपयोग
तीसरे चरण में इनका होना है निर्माण
- रिसर्च पार्क
- सेंट्रल रिसर्च फैसिलिटी सेंटर
- सेंटर फॉर एजुकेशनल टेक्नोलॉजी सेंटर
- एकेडमिक ब्लॉक
- छात्रावास
- फैकल्टी व शिक्षकों के लिए क्वाटर
- अंतरराष्ट्रीय छात्रावास
30 हजार करोड़ का हो रहा है कारोबार
आईआईटी मद्रास का रिसर्च पार्क डीआरडीओ के सहयोग से 250 करोड़ रुपये से बनाया गया था। यहां 30 हजार करोड़ का करोबार वर्तमान में हो रहा है।
आईआईटी पटना के डीन एकेडमिक प्रो. एके ठाकुर ने बताया कि रिसर्च पार्क में जितने भी स्टार्टअप होंगे, उन्हें अपने उत्पादन को बाजार में लाने के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
यह भविष्य में राज्य के थिंक टैंक निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा। युवा तकनीक और अपने कौशल के माध्यम से स्थानीय के साथ-साथ वैश्विक समस्याओं का निदान प्राप्त कर सकेंगे।
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