Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फार्मासिस्ट बहाली मामले में सुप्रीम कोर्ट से डिग्रीधारियों को नहीं मिली राहत, नीतीश सरकार को नोटिस जारी

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Wed, 30 Apr 2025 07:03 PM (IST)

    फार्मासिस्ट बहाली विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने बी. फार्मा और एम. फार्मा डिग्रीधारियों को झटका दिया है। पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के फैसले को बरकरार रखते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि बहाली प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं लगेगी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने कहा कि अंतिम निर्णय बहाली प्रक्रिया पर निर्भर करेगा।

    Hero Image
    फार्मासिस्ट बहाली मामले में सुप्रीम कोर्ट से डिग्रीधारियों को नहीं मिली राहत, नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक से इनकार

    विधि संवाददाता, पटना। फार्मासिस्ट बहाली को लेकर चल रहे बहुचर्चित विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने बी. फार्मा और एम. फार्मा डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को झटका दिया है। न्यायमूर्ति एम. एम. सुन्दरेश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इन अभ्यर्थियों की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि बहाली प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं लगेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उल्लेखनीय है कि पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने अपने हालिया निर्णय में बिहार सरकार द्वारा लागू बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग नियमावली को संविधानसम्मत ठहराया था, जिसमें डिप्लोमा इन फार्मेसी (डी.फार्मा) को अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता घोषित किया गया है। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

    सुप्रीम कोर्ट ने क्यों खारिज की याचिका?

    याचिकाकर्ताओं की ओर से यह दलील दी गई थी कि बी. फार्मा और एम. फार्मा डिग्री, डी. फार्मा से उच्च हैं, इसलिए उन्हें भी आवेदन की अनुमति दी जाए, परंतु सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि भर्ती नियमों की न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित है और न्यूनतम योग्यता निर्धारण नीतिगत निर्णय का विषय है।

    राज्य सरकार को नोटिस

    हालांकि, कोर्ट ने राज्य सरकार और डी. फार्मा धारकों को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं के अंतिम निर्णय का असर फार्मासिस्ट बहाली प्रक्रिया पर पड़ेगा।

    इस मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद निर्धारित की गई है। तब तक बहाली प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन उसका अंतिम परिणाम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर निर्भर करेगा।

    ये भी पढ़ें- Bihar Teacher News: नियोजित शिक्षकों को झटका, 12 साल की सर्विस पूरी करने के बाद भी नहीं मिलेगा प्रमोशन!

    ये भी पढ़ें- बिहार टीचर भर्ती: ईडब्ल्यूएस वर्ग को 10% आरक्षण न देने पर नीतीश सरकार और बीपीएससी से जवाब-तलब